- आंगनबाड़ी वर्करों ने सरकार व विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर सुपरवाइजर को सौंपा ज्ञापन
- महिला की चुन्नी, बिंदी के बदलाव के कारण दूसरी बार फोटो नहीं होती कैप्चर
(Jind News) जींद। पोषण ट्रैकर एप पर फोटो कैप्चर के विरोध में अलेवा ब्लाक की आंगनबाड़ी वर्करों ने खंड महिला एवं बाल विकास कार्यालय अलेवा पर विभाग तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विभाग की सुपरवाइजर को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। सुपरवाइजर सरोजबाला को सरकार के नाम सौंपे ज्ञापन में आंगनबाड़ी वर्कर सुमित्रा, अनिता, कमलेश, दर्शना देवी, सुशीला, शीला देवी, बिमला, बाला, कमलेश, सरोज, सुनिता, केला, गीता, निर्मला, सीमा, गीता, गायत्री आदि ने कहा कि पोषण ट्रैकर एप 200 एमबी की है, जबकि विभाग के द्वारा दिए गए फोन इतने छोटे है कि एप ठीक ढंग से काम नहीं करती।
फोटो कैप्चर के साथ-साथ जब भी हम एप से कोई काम करते है तो फोन हैंग हो जाता है। गरीब लोग जोकि वास्तव में जरूरतमंद है। उनके परिवार के मुखिया के पास ही फोन होता है। जो फोन लेकर काम पर चले जाते हैं। इसलिए उनसे ओटीपी लेना आसान नहीं है।
सर्वे डाउन की समस्या होने के कारण पूरा काम ब्लाक हो जाता
स्लम एरिया के लोग ज्यादातर अनपढ होने के कारण ओटीपी नहीं दे पाते हैं। लेडिज की फोटो कैप्चर में पहली बार ली फोटो में चुन्नी ङ्क्षबंदी के कारण बदलाव होने से दूसरी बार फोटो कैप्चर होती। साइबर क्राइम ज्यादा होने के कारण लोग ओटीपी नहीं बताते। सर्वे डाउन की समस्या होने के कारण पूरा काम ब्लाक हो जाता है। जिससे कई बार एक-एक लाभार्थी के लिए दो से तीन दिन लग जाते हैं।
पोषण टै्रकर व फोटो कैप्चर वाले काम के कारण हम आंगनबाड़ी केंद्र व प्ले में आने वाले बच्चों को समय नहीं दे पाते। विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा वर्करों पर दवाब बनाया जा रहा है। दवाब के कारण वर्करों की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। वर्कर लगातार इस वजह से कई परेशानियों से जूझ रही है।
काम तो करना पड़ेगा : सीडीपीओ
अलेवा कार्यालय का कार्यभार देख रही सीडीपीओ कांता यादव ने बताया कि सरकार तथा विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार वर्करों को काम करना पड़ेगा। अगर कोई वर्कर ऐसा नहीं करती है तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए सुपरवाइजर को हिदायत दे दी गई है।
यह भी पढ़ें : Jind News : बनभौरी धाम तक की एक दिवसीय पैदल ध्वजा यात्रा 29 मार्च को