
- एडीसी को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग
(Jind News) जींद। ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राम अवतार शर्मा ने कहा कि अवैध रूप से चल रही अकेडमी और किड्स प्ले स्कूलों पर कानून के अनुसार तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। एनसीआर क्षेत्र में स्कूल बसों की अवधि को 10 साल की बजाय 15 साल किया जाए। स्कूल बसों से यात्री कर हटाया जाए। 134.ए और आरटीई योजना की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए।
प्रांतीय अध्यक्ष राम अवतार शर्मा सोमवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पत्रकार वार्ता से पहले ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सदस्यों ने एडीसी विवेक आर्य से उनके कार्यालय में मुलाकात की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। राम अवतार शर्मा ने कहा कि उनका संगठन सरकार को पहले ही आगाह कर रहा है कि छोटे बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रहे और कायदे व कानून को ठेंगा दिखाकर चल रहे किड्स प्ले स्कूलों और अकेडमी को बंद करवाया जाए ताकि कोई बड़ा हादसा नही हो।
16 साल तक का कोई भी बच्चा स्कूल के समय में किसी अकेडमी में नहीं जाएगा
केंद्र और प्रदेश सरकार का कानून कहता है कि 16 साल तक का कोई भी बच्चा स्कूल के समय में किसी अकेडमी में नहीं जाएगा। अगर 16 साल तक के किसी बच्चे को स्कूल टाइम में एकेडमी में दाखिल किया जाता हैए तो यह गैर कानूनी है। जींद में छोटे-छोटे कमरों में और अवैध रूप से चल रही अकेडमी तथा प्ले स्कूलों को बंद करवाने की मांग वो लगातार उठा रहे हैं ताकि नौनिहालों काबचपन बर्बाद न हो।
अगर इस तरह की अवैध अकेडमी और प्ले स्कूलों को बंद नहीं करवाया गया तो एसोसिएशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। जिला प्रधान वजीर सिंह ढांडा ने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों की तरफ ध्यान देना चाहिए। राजस्थान के कोटा और सीकर की अकेडमी में पढ़ रहे बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं तो इसकी बड़ी वजह डिप्रेशन है।
बच्चों पर मां-बाप इस तरह की कोचिंग थोंप रहे हैं जबकि अकेडमी में बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए कोई सुविधा नही है। स्कूलों में ही बच्चों का चहुंमुखी विकास संभव है, चाहे वह स्कूल निजी हो या सरकारी। इस मौके पर पुरुषोत्तम शर्मा, राजेश मलिक, बिजेंद्र रेढू आदि भी मौजूद थे।
बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नही
रामअवतार शर्मा ने कहा कि अवैध रूप से चल रही अकेडमी और किड्स प्ले स्कूल बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रहे हैं। इन एकेडमी और किड्स प्ले स्कूल में बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह छोटे-छोटे कमरों में ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। इनमें किसी तरह की कोई सुविधा नही और बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नही है।
बेसमेंट में अकेडमी चल रही हैं। जिनमें कभी भी आग लगने या पानी भरने से दिल्ली और गुजरात के सूरत जैसा कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
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