- जिला में अबतक मिली 49 फायर लोकेशन, 38 किसानों पर 95 हजार जुर्माना
- सास, दमे व एलर्जी के मरीज रखें अपना विशेष ध्यान : डॉ. भोला
(Jind News) जींद। अभी दीपावली में दस दिन शेष हैं। इससे पहले ही वातावरण में स्मॉग छाने लगा है जो आंखों में जलन पैदा कर रहा है। हवा में प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई) 200 से ऊपर पहुंच गया है। 200 से ज्यादा एक्यूआई सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। इसे लेकर कृषि विभाग भी सख्त हो गया है और विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाने के मामले में अलेवा, नगूरां, पेगां, थुआ में चार किसानों पर केस दर्ज किया गया है। अबतक जिले में मिल चुकी 49 फायर लोकेशन मिल चुकी हैं। इनमें 38 किसानों पर 95 हजार जुर्माना कृषि विभाग द्वारा किया गया है।
यह है एक्यूआई स्तर
0-50 स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा, 51-100 संतोषजनक (संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली तकलीफ), 101-200 संतुलित (फेफड़े, दमा और हृदय रोग से पीडि़त लोगों को सांस लेने में तकलीफ ), 201-300 पूअर (लंबे समय तक एक्सपोजर पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ ), 301-400 वैरी पूअर (लंबे समय तक एक्सपोजर पर सांस की बीमारी होने का खतरा), 400-500 बेहद गंभीर जो स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित करता है और सांस की बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि इस समय हवा में प्रदूषण का स्तर 200 पहुंच चुका है। प्रदूषण बढऩे से सांस, दमा, एलर्जी के मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में एलर्जी मरीजों को इस दौरान बाहर बेहद कम निकलना चाहिए। बाहर निकलते हुए मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
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