Jind News : दीपावली के बाद जींद का एक्यूआई पहुंचा 345

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After Diwali, Jind's AQI reached 345
दीपावली पर्व आतिशबाजी से उठता धुआं।
  • दमकल विभाग को मिली आठ जगह आग लगने की शिकायतें
  • अबतक कृषि विभाग को मिल चुकी हैं फसल अवशेष जलाने की 40 लोकेशन

(Jind News) जींद। दीपावली पर्व पर हुई आतिशबाजी ने एक बार फिर से जींद की आबोहवा को जहरीला कर दिया। दीपावली की रात वीरवार को जींद का एक्यूआई 350 तक पहुंच गया था। वहीं शुक्रवार को सुबह एक्यूआई अधिकतम 345 पर पहुंचा जबकि दिन में यह 297 के आसपास रहा। 301-400 एक्यूआई वैरी पूअर (लंबे समय तक एक्सपोजर पर सांस की बीमारी होने का खतरा) की श्रेणी में आता है। जोकि सांस की बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

वहीं जींद जिले के एनसीआर में होने के चलते प्रशासन द्वारा पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ था लेकिन जम कर आतिशबाजी से पटाखों के प्रदूषण का असर सोमवार को पूरा दिन दिखा। वहीं दमकल विभाग के पास दीवाली पर्व पर जिलेभर में कुल आठ जगह आग लगने की शिकायतें मिली। जिस पर तुरंत प्रभाव से फायर ब्रिगेड की गाडियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया गया। जिला अग्रिशमन अधिकारी सुखबीर यादव ने बताया कि 31 अक्टूबर को जींद शहर में स्कीम नंबर पांच में एक मकान में आग लगने की सूचना मिली थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भेज कर आग पर काबू पाया गया। यहां इन्वर्टर बैटरी में शार्ट होने की वजह से आग लगी थी। जिसमें घर का सामान जल गया। इसके अलावा पुराना हांसी रोड पर नगर परिषद के डंपिंग प्वायंट पर कचरे में आग लगने संबंधी कॉल आई थी। वहां मौके पर जा कर आग पर काबू पाया गया।

हांसी रोड पर ही एक कबाड़ी की दुकान में आग लगने की सूचना मिली थी। जहां गाड़ी भेज कर समय रहते काबू पा लिया गया। इसके अलावा उचाना में खेड़ी मसानिया में पराली के ढेर में आग लगने की सूचना मिली थी। वहीं जुलाना में भैरोखेड़ा गांव में गन्ने के खेत में आग लगने की सूचना मिली थी। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पाया गया। इसमें चार एकड़ में खड़ी गन्ने की फसल जल गई। वहीं जुलाना के ही कमाच खेड़ा में भी पराली के ढेर में आग लगने की सूचना थी। सफीदों क्षेत्र में जयपुर गांव में धान की पराली में आग लगने और खेड़ा खेमावती में कबाड़ की दुकान में आग लगने की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों की मदद से काबू पाया गया। हालांकि राहत भरी बात यह रही कि जिले में पटाखों की वजह से आगजनी की कोई घटना सामने नहीं आई।

अबतक कृषि विभाग को मिल चुकी हैं फसल अवशेष जलाने की 40 लोकेशन

कृषि विभाग लगातार किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक कर रहा है। बावजूद इसके किसान जगह-जगह फसल अवशेष जला रहे हैं। कृषि विभाग के अनुसार अबतक कुल 53 लोकेशन फायर की मिली हैं। जिनमें से 40 लोकेश सही पाई गई हैं। फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। बावजूद इसके फसल अवशेष जलाने पर 37 किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा किसानों पर 95 हजार जुर्माना भी लगाया गया है।

रोक के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी ने की हवा खराब

दीपावाली की रात को जमकर आतीशबाजी हुई तो फिर से एक्यूआई बढ़ गया और यह खतरनाक जोन में पहुंच गया। शाम साढ़े छह बजे से शहर में पटाखे बजने शुरू हुए थे और रात 12 बजे के बाद भी शहर की कई कॉलोनियों में पटाखों की गूंज सुनाई दी। रह-रह कर पटाखों से उठ रहा धुआं आमजन के लिए परेशानी बना हुआ था। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा व मौसम में आद्रता 28 प्रतिशत बनी रही। सुबह के समय हवा की गति कम होने के चलते एक्यूआई अधिकतम 345 पर पहुंचा था। दिन चढऩे के साथ ही मौसम साफ हुआ और हवा चली तो दिन में एक्यूआई 297 के आसपास रहा।

पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार दो और तीन नवंबर को आसमान साफ  रहने वाला है। वहीं अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक रहने वाला है। तीन से चार नवंबर को अधिकतम और न्यूनतम तापमान में मामूली कमी आने की संभावना है। वहीं हमें प्रदूषण को रोकने के लिए सभी को मिल कर उपाय करने की आवश्यकता है।

वहीं नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि इस समय हवा में प्रदूषण का स्तर पूअर श्रेणी में है। यहा मौसम एलर्जी, सांस व छोटे बच्चों के लिए खतरनाक है। प्रदूषण बढऩे से सांस, दमा, एलर्जी के मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में एलर्जी मरीजों को इस दौरान बाहर बेहद कम निकलना चाहिए। बाहर निकलते हुए मास्क का प्रयोग करना चाहिए।

 

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