
- नगर परिषद के 114 करोड रुपये के बजट को 40 मिनट की बैठक में पारित किया
- पिछले साल की तुलना में बजट हुआ लगभग 25 प्रतिशत कम
(Jind News) जींद। नगर परिषद की बजट बैठक का आयोजन वीरवार को किया गया। जिसमें वर्ष 2025-26 के लिए एक करोड़ 47 लाख रुपये मुनाफे का बजट प्रस्तुत किया है। बजट बैठक में नगर परिषद के 114 करोड रुपये के बजट को 40 मिनट की बैठक में पारित कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता नगर परिषद की चेयरपर्सन डा. अनुराधा सैनी ने की जबकि मुख्य रूप से हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा, जिला नगर आयुक्त गुलजार मलिक, नगर परिषद के सभी पार्षद और अधिकारी मौजूद थे।
114 करोड़ 33 लाख 84 हजार 767 रुपये की आमदनी का प्रस्ताव किया गया
नगर परिषद द्वारा प्रस्तुत बजट में 2025-26 के लिए 114 करोड़ 33 लाख 84 हजार 767 रुपये की आमदनी का प्रस्ताव किया गया है। जबकि इस दौरान नगर परिषद ने कुल मिला कर 112 करोड़ 86 लाख 93 हजार 408 रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है। नगर परिषद ने मुख्य रूप से 32 करोड रुपये से ज्यादा की राशि अपनी प्रॉपर्टी की बिक्री से जुटाने का प्रस्ताव रखा है।
बीते साल बजट बैठक में 50 करोड रुपये की राशि इस मद में जुटाने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन नगर परिषद केवल एक लाख 87 हजार 114 रुपये ही इस मद में जुटा पाई। कुछ ऐसा ही हाल किराये का भी है। बीते साल नगर परिषद ने एक करोड़ 86 लाख 88 हजार रुपये किराये से जुटाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन नगर परिषद इस एक साल में केवल 78 लाख रुपये जुटा पाई लेकिन इस साल उसने दो करोड़ 19 लाख 36 हजार रुपये की राशि किराये से आने की उम्मीद बजट में लगाई है।
बजट बैठक में 2024-25 के बजट अनुमान
अब तक की वास्तविक स्थिति और 31 मार्च तक के अनुमान का भी आंकलन बजट बैठक में किया गया। बजट प्रस्ताव में बताया गया कि बीते साल 134 करोड़ 44 लाख 25 हजार रुपये खर्च का अनुमान था लेकिन अबतक 62 करोड़ छह लाख रुपये खर्च हुए हैं। वित्त वर्ष के अंत तक 74 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बजट प्रस्ताव में बताया गया कि बीते साल नगर परिषद को 142 करोड़ 98 लाख 97 हजार रुपये आय होने का अनुमान था लेकिन इसके विपरीत 109 करोड़ 63 लाख रुपये आय होने का संशोधित अनुमान लगाया गया है। जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए 114 करोड़ 33 लाख 84 हजार 767 रुपये आय का अनुमान लगाया गया है। अगले वित्त वर्ष में नगर परिषद में कुल 112 करोड़ 86 लाख 93 हजार 408 रुपये खर्च का अनुमान लगाया है। इसमें वेतन पर 18 करोड़ 84 लाख रुपये खर्च होंगे।
12 करोड़ 87 लाख घर से कूडा एकत्रित होने पर होंगे खर्च
नगर परिषद 12 करोड़ 87 लाख रुपये घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने पर खर्च करेगी। पार्कों के रखरखाव पर 2 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया है। अगले विद वर्ष में 20 करोड रुपये की राशि गलियों और सड़कों के निर्माण पर खर्च की जाएगी।
2024-25 के दौरान नगर परिषद अपना किराया वसूलने, प्रोपर्टी टैक्स वसूलने समेत तमाम तरह की वसूली के अभियान में विफल रही है और यही कारण है कि इस बार उसे अपना बजट काम करना पड़ा है। इस दौरान उसे अपने खर्चों में भी कटौती का प्रस्ताव करना पड़ा है। हालात यह हैं कि बीते साल नगर परिषद ने डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मशीनरी और वाहन खरीदने का प्रस्ताव किया था और उस पर पूरे वित्त वर्ष में भी खर्च नही किया गया है।
नगर परिषद में पिछले साल 57 करोड़ की लागत से जमीन और भवन खरीदने के प्रस्ताव रखे थे और इन पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया लेकिन इस साल 32 करोड़ 53 लाख रुपये जमीन और भवन खरीदने के लिए निर्धारित किए गए हैं। नगर परिषद चेयरपर्सन डा. अनुराधा सैनी ने कहा कि प्रोपर्टी टैक्स, किराया और विकास शुल्क वसूली में भारी कमी आई है। इन तीनों की वसूली को तेज करने के लिए अधिकारियों को सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बीते साल काफी कालोनियां अवैध थी, जो वैध हो गई
बीते वित्त वर्ष में सरकार की तरफ से भी पैसा कम आया है और आज बैठक में विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष को आग्रह किया है कि वह सरकार की तरफ से नगर परिषद का पैसा जारी करवाने का प्रयास करें। उन्होंने शहर के लोगों का आह्वान किया कि वह अपना प्रॉपर्टी टैक्स समय पर भरें ताकि नगर परिषद विकास के कार्यों में तेजी ला सके। बीते साल काफी कालोनियां अवैध थी, जो वैध हो गई हैं।
इन कॉलोनियों में काफी पैसा नगर परिषद का लगा है। आने वाले समय में सरकार की ओर से पैसा आने पर शहर का विकास तेजी से होगा। इसके अलावा शहर के लोग सफाई अभियान में भी नप का सहयोग करें।
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