- लड़की के जन्म संबंधित कागजों में लड़की निकली 15 वर्ष की
(Jind News) जींद। बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम की सर्तकता से कालवा गांव में एक बालिका को वधु बनने से बचाया। टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रूकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया। इसके अलावा बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव कालवा में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात रोहतक जिले के गांव नांदल से आने वाली है। इस पर कार्रवाई करते हुए रवि लोहान, हवलदार ओमप्रकाश, महिला सिपाही रीना, नीलम, दीपक के साथ मौके पर पहुंचे।
टीम द्वारा लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टाल मटोल करने की कोशिश की और लड़की की उम्र पूरी होने की बात कही लेकिन जब उनको कार्यालय में बुलाया गया तो लगभग तीन घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए। जिसमें लड़की की उम्र मात्र 15 वर्ष पाई गई और शादी होने वाले दूल्हे की उम्र 31 वर्ष मिली ।
दुल्हे व दुल्हन की उम्र में करीब 16 वर्ष का अंतर मिला । इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की के पिता गुजर चुके हैं और मां अनपढ़ है और उन्हें किसी कानून की कोई जानकारी नही है। इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। इस पर परिजनों को समझाया गया कि आपकी लडक़ी नाबालिग है, इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए।
इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग लड़की की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित बयान दिए कि वह कानून की पालना करेंगे तथा लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगें।
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