Jind News भाकियू ने मांगों को लेकर सोनीपत सांसद को सौंपा ज्ञापन, सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए

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A law should be made to guarantee the purchase of crops on MSP

जींद। भारतीय किसान यूनियन ने रविवार को मांगों को लेकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला के नेतृत्व में सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी से मुलाकात की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। सांसद ने भाकियू प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों व समस्याओं को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, जिला प्रधान बारूराम, प्रवक्ता रामराजी पोंकरीखेड़ी, बिंद्र, रामफल ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ  एवं एमएसपी गारंटी कानून बनवाने के लिए 2020-21 में किसानों ने दिल्ली के बॉर्डरों पर 378 दिनों तक ऐतिहासिक आंदोलन लड़ा था। उस समय केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून वापस लिए थे एवं एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए एक कमेटी के गठन का ऐलान किया था। अगले दो वर्षों तक एक-एक दिन के लिए कई सांकेतिक कायक्रमों के माध्यम से सरकार का ध्यान एमएसपी गारंटी कानून बनाने की तरफ  आकर्षित करना चाहा लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने मांग की कि देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं। किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्ज मुक्ति करी जाए। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में पुन: लागू किया जाए। भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं कलेक्टर रेट से चार गुणा मुआवजा देने के प्रावधान लागू किए जाएं। भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आये एवं सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए। किसानों और खेत मजदूरों को 10 हजार रुपये रुपये महीना की पेंशन दी जाए। पीएम फसल बीमा योजना में सुधार किए जाएं। फसल में नुक्सान होने पर एक एकड़ को यूनिट मान कर मुआवजा दिया जाए एवं प्रीमियम सरकार द्वारा भरा जाए। विद्युत संशोधन विधेयक 2023 को रद्द किया जाए एवं खेती को प्रदूषण कानून से बाहर निकाला जाए। मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए एवं मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए। नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां एवं खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना लगाने के प्रावधान तय किए जाएं एवं बीजों की गुणवत्ता में सुधार किए जाए। मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए। संविधान की पांच सूची को लागू किया जाए एवं जल, जंगल,  जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित कर के कंपनियों द्वारा आदिवासियों की जमीन की लूट बंद करी जाए। किसान आंदोलन 2 के दौरान किसानों पर गोलियां चलाने एवं अत्याचार करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कारवाई करी जाए। आंदोलन के दौरान मृत व घायल हुए किसान परिवारों को मुआवजा दिया जाए। एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट एवं किसान व मजदूरों की कर्ज माफी समेत तमाम मुद्दों पर संसद के मानसून सत्र में प्राइवेट बिल पेश करे ताकि किसानों एवं मजदूरों की मांगें पूरी हो सकें।