- शोभा यात्रा का शहर में हुआ जगह-जगह स्वागत
(Jind News) जींद। गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर बुधवार को भव्य नगर शोभा यात्रा निकाली गई। जिसे लज्जाराम आश्रम के संस्थापक राजेश स्वरूप शास्त्री ने झंड़ी दिखा कर रवाना किया। नगर शोभा यात्रा में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न देवी व देवताओं की लगभग एक दर्जन के करीब मनोहारी झांकियां निकाली गईं।
अनेक मनमोहक व मनोहारी झांकियां श्रद्धालुओं व धर्म प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही
इस अवसर पर विभिन्न देवी, देवताओं की झांकियों ने सभी का मन मोह लिया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो देवलोक पृथ्वी पर अवतरित हो गया हो। इस शोभा यात्रा में जिले के विभिन्न स्कूलों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि श्रीमद्भगवद्गगीता के श्लोकों व मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे। अनेक मनमोहक व मनोहारी झांकियां श्रद्धालुओं व धर्म प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही।
नगर शोभा यात्रा के द्वौरान विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से करीब एक दर्जन स्वागत गेट लगाए गए थे। जहां पर यात्रा का भव्य स्वागत अभिनंदन किया गया। नगर शोभा यात्रा जंयती मंदिर से शुरू होकर शहर के सब्जी मंडी चौक, रुपया चौक, शिव चौक, झांझ गेट, रामराये गेट, टाउन हाल, सिटी थाना, पालिका बाजार, रामराये गेट, टाउन हाल, रानी तालाब से होते हुए पटवार भवन रंगशाला में आकर समापन हुआ। नगर शोभा यात्रा के दौरान विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रधान व गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
जिला कारागार में बंदियों ने गीता जयंती के उपलक्ष में शलोको का किया उच्चारण
गीता जयंती के उपलक्ष में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा से श्री कृष्णा कृपा सेवा समिति जिओ गीता परिवार के तत्वावधान में विभिन्न कायक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य कार्यक्रम स्वामी ज्ञानानंद महाराज का वैश्विक आह्वान एक साथ-एक मिनट गीता पाठ कार्यक्रम था। जिसके तहत जींद के बहुत से स्कूलों में संपर्क कर विद्यालय में विद्यार्थियों ने एक साथ तीनों श्लोक का उच्चारण किया।
यह श्लोक गीता जी के आरंभ, मध्य तथा अंतिम श्लोक थे। कई सामाजिक संस्थाओं ने अपने पदाधिकारियों के साथ इन श्लोकों का उच्चारण किया। जिला जींद कारागार में भी सुबह लगभग सभी कैदियों ने समिति सदस्यों की उपस्थिति में इन श्लोको को उच्चारण किया। समिति महासचिव अरविंद खुराना ने बताया कि संस्था द्वारा सुबह शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया।
जो प्रात:काल श्री महावीर मंदिर से शुरू हुई तथा श्री कृष्णा कृपा आश्रम संत नगर में इसका समापन हुआ। इसमें श्रीमद् भागवत गीता की महिमा का गुणगान किया गया। समिति प्रधान रामप्रकाश ग्रोवर द्वारा सभी स्कूलों, जेल प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यही वह शुभ दिन है जब महाभारत के युद्धक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
यह उपदेश केवल अर्जुन के लिए नही बल्कि समस्त मानव जाति के लिए है। गीता हमें कर्म, भक्ति और ज्ञान के महत्व को सिखाती है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। जिनमें जीवन के हर पहलू का समाधान छिपा है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि कर्तव्यपालन सबसे बड़ा धर्म है।
हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। फल की चिंता नही करनी चाहिए। गीता हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने मन की शांति बनाए रखें। चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। यह जीवन की उलझनों को सुलझाने के लिए प्रेरणा और साहस प्रदान करती है। आज के युग में गीता के सिद्धांत और भी प्रासंगिक हो गए हैं।
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