- खिलाडिय़ों को अभ्यास करवाने वाले कोच का मानदेय भी पांच माह से अटका
- खेल विभाग द्वारा अलॉट की गई है नर्सरियां
(Jind News) जींद। खिलाडिय़ों की नई पौध को तैयार करने के लिए खेल विभाग द्वारा जिले में 82 खेल नर्सरियां अलाट की हैं लेकिन इनमें अभ्यास करने वाले दो हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों को खुराक भत्ता नहीं मिल पाया है। इन खिलाडिय़ों को अभ्यास करवाने वाले कोच का मानदेय भी पांच माह से अटका पड़ा है। जिससे खिलाडिय़ों में रोष बढ़ रहा है।
प्रत्येक नर्सरी में 25 से 30 खिलाडिय़ों को दिया जाता है प्रशिक्षण
खेल विभाग की तरफ से जून 2024 में प्रदेश भर में 976 खेल नर्सरियां अलाट की गई थी। जींद जिले में भी कबड्डी, कुश्ती, हॉकी, ऑर्चरी, एथलेटिक्स, हैंडबाल, बास्केटबाल, बाक्सिंग, फेंसिंग, रोइंग, तैराकी, वुशु समेत कई खेलों की 82 खेल नर्सरियां खुली थी। प्रत्येक नर्सरी में 25 से 30 खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसमें अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों को खुराक भत्ता भी दिया जाता है। खेल विभाग द्वारा नियम तय है कि आठ से 14 साल के बच्चों को खुराक भत्ता के तौर पर 1500 रुपये प्रति माह और 15 से 19 साल के युवा खिलाडिय़ों को दो हजार रुपये मासिक राशि मिलती है।
संबंधित विषय से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ
यह राशि उनके बैंक खाते में सीधी आती है। योजना के पीछे तर्क है कि खिलाड़ी यह पैसा अपनी खुराक के लिए प्रयोग कर सकें। वहीं खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच को 25 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। 15 जून से शुरू हुई इन खेल नर्सरियों में बजट के अभाव में खिलाडिय़ों और कोच को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिला खेल अधिकारी रामपाल हुड्डा ने कहा कि संबंधित विषय से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही खिलाडिय़ों की समस्या का समाधान हो जाएगा। फिलहाल खिलाडिय़ों का खुराक भत्ता अटका हुआ है।
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