- भंडारे में सैंकडों श्रद्धालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
(Jind News) जींद। गांव निरजन में संत नेकीराम महाराज की 180वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में सतगुरू नेकीराम महाराज की साध संगत, डेरा साघान घीसा पंथी व गांव निरजन के ग्रामीणों ने भाग लिया। इस मौके पर भंडारे का आयोजन किया गया। जिममें सैंकडों श्रद्धालुओं ने भोजन ग्रहण किया। समारोह की अध्यक्षता स्वामी राजेश्वरानंद, स्वामी सदानंद, स्वामी सुखदेवा नंद ने की।
संत कबीरदास 15वीं सदी के भारतीय कवि, संत और समाज सुधारक
स्वामी राघवानंद ने कहा कि संत कबीरदास 15वीं सदी के भारतीय कवि, संत और समाज सुधारक थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख कवियों में से एक थे। कबीरदास ने अपने दोहों के जरिये भक्ति, प्रेम और समानता का संदेश दिया। वे अंधविश्वास, पाखंड और व्यक्ति पूजा के विरोधी थे। उन्होंने भारतीय समाज में जाति और धर्मों के बंधनों को तोड़ा। कबीरदास ने भगवान की निर्गुण रूप की आराधना की। कबीरदास ने सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की।
उनकी रचनाएं सिखों के गुरुग्रंथ में शामिल हैं। भक्ति, प्रेम और समानता का संदेश दिया। कबीरदास पंथ संप्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं। स्वामी राघवानंद ने कहा कि संत किसी एक समाज के नही होते बल्कि उनकी शिक्षाएं पूरे समाज के लिए होती हैं। जिन पर चल कर हम अपने जीवन में उच्चतम स्थान हासिल कर लेते हैं।
उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि संत कबीर की शिक्षाओं को जीवन में अपनाएं। इस मौके पर सैंकडों श्रद्धलाुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
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