Jharkhand High Court News, (आज समाज), रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य की हेमंत सरकार को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को प्रदेश में आने से रोकने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने संथाल परगना के जरिए राज्य में अवैध तरीके से घुसने वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्दश दिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिर स्थिति को देखते हुए अवैध आप्रवासन बढ़ेगी।
कोर्ट ने इन्हें नोटिस जारी कर मांगा जवाब
कोर्ट ने बीएसएफ के महानिदेशक, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त व भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के महानिदेशक को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश देने के साथ ही सभी को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है।
कुछ दिन पहले सरकार को लगाई थी फटकार
हाई कोर्ट ने कुछ दिन पहले अवैध आप्रवासन के मामले में उचित हलफनामा दाखिल न करने पर झारखंड सरकार को फटकार लगाई थी। एक जनहित याचिका में दावा किया गया था कि बांग्लादेश से अवैध आप्रवासन संथाल परगना जिलों में रहने वाली यहां की जनसंख्या को प्रभावित कर रहे हैं। जिसको लेकर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि बांग्लादेश से अवैध अप्रवास के कारण संथाल परगना जिलों की सामाजिक जनसांख्यिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अवैध अप्रवासी जमीन हासिल करने के लिए आदिवासियों से शादी कर रहे हैं।
7200 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से लौटे
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह से गुरुवार को राज्यसभा में पूछा कि अब तक बांग्लादेश से भारत वापस लाए गए नागरिकों की संख्या कितनी है? क्या पड़ोसी देश से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कोई विशेष अभियान शुरू किया गया है? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि 18 जुलाई से एक अगस्त 2024 तक 7200 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से भारत लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, बांग्लादेश में 9000 से अधिक छात्रों सहित लगभग 19000 भारतीय नागरिक रहते हैं।