श्री बाबा तारा कुटिया में होगा नानी बाई को मायरा, जया किशोरी करेंगी कथा प्रवचन

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Sirsa Hitesh chaturvedi : रानियां रोड स्थित श्री तारा बाबा जी कुटिया में  शिवरात्रि के उपलक्ष्य में 29 जुलाई से  दो अगस्त तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों,नानी बाई को मायरो, भजन संध्या और विशाल भंडारे की तैयारियों को लेकर श्री बाबा तारा जी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से एक बैठक का आयोजन श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा की अध्यक्षता में किया गया।  जिसमें कुटिया के सेवादारों के साथ साथ नगर की विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस विशाल आयोजन में विभिन्न समितियों की देखरेख में तैयारियां शुरू की जा रही है जो सेवादार इस आयोजन में सेवा करना चाहते है वे 21 जुलाई को कुटिया में आयोजित होने वाली बैठक में अपना नाम लिखवा सकते है। गौरतलब हो कि  सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सावन में सावन सोमवार व्रत और मंगला गौरी व्रत किए जाते हैं। इसके अलावा सावन शिवरात्रि का भी पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। श्री बाबा तारा जी कुटिया में सावन और फाल्गुन माह की शिवरात्रि पर भव्य  आयोजन  किया जाता है। सावन मास की शिवरात्रि की तैयारियों को लेकर कुटिया परिसर में स्थित सत्संग पंडाल में बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा की। मंच संचालन करते हुए इस बैठक के माध्यम से आपको धर्म की सेवा करने का निमंत्रण मिल रहा है। किया गया परमार्थ, धर्म सेवा और नारायण सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाते, इनका फल जरूर मिलता है, कुटिया में सेवा करने आओ तो समझना अपना कर्म सुधारने आ रहे हो। इस बैठक में श्री सालासर धाम मंदिर के प्रधान गोपाल सर्राफ,आढती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सुरेंद्र मिंचनाबादी, रामनारायण कक्कड, नेमीचंद गुज्जर, इंद्रोश लक्ष्या गुज्जर, राजू सैनी, रविंद्र सैनी, पप्पू रांझा,  गोबिंद कंदोई, बंसी बांसल,  सुशील डुंगाबुंगावाला,  सुनील सर्राफ, मुकेश सर्राफ,  बलराज सिंह,  श्याम भारती,  अश्वनी बांसल,  राजकुमार साहुवाला,  नवदीश गर्ग,  आशु कोचर, हरविंद्र सिंह मान,  हरमंदर सिंह मराड,दीपू मित्तल, प्रदीप मित्तल,  अजय फुटेला,  कृष्ण मुंजाल,  कृष्ण गोपाल गोयल, महेश बांसल,  अशोक गोयल,  हवा सिंह, राजू लाडवाल, गोरा,  राजन शर्मा, नीरू बजाज, अंगे्रज बठला, नरेंद्र कटारिया, महेंद्र सेठी और नितिन सेठी आदि शामिल हुए। इस मौके पर नगर के गणमान्य लोगों ने अपने अपने सुझाव रखे और पिछली बार हुई शिव महापुराण कथा के प्रबंध से भी और बेहतर प्रबंध करने पर चर्चा हुई।

27 जुलाई 2003 को ब्रह्मलीन हुए थे श्री बाबा तारा जी
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इस अवसर पर गोबिंद कांडा ने सभी का कुटिया पधारने पर स्वागत करते हुए कहा कि सावन माह की शिवरात्रि पर श्री बाबा तारा जी 27 जुलाई 2003 को ब्रह्मलीन हुए थे और फाल्गुन मास की शिवरात्रि पर उनका जन्म हुआ था। दोनों ही शिवरात्रि पर श्री बाबा तारा जी कुटिया में भव्य आयोजन किए जाते रहे है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा हैं। उन्होंने कहा कि 29 से 31 जुलाई तक दोपहर बाद 03 बजे से शाम 07 बजे तक कुटिया के विशाल सत्संग पंडाल में जय किशोरी द्वारा नानी बाई को मायरो कथा प्रवचन किया जाएगा। एक अगस्त की रात्रि आठ बजे से प्रभु इच्छा तक भजन संध्या का आयोजन होगा जिसमें प्रख्यात गायक हंसराज रघुवंशी शिव महिमा का गुणगान करेंगे। दो अगस्त शिवरात्रि पर सुबह हवन यज्ञ और बाद में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भंडारे में ढाई से तीन लाख श्रद्धालु शामिल होते है ऐसे में सेवादारों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि जूता घर में सबसे ज्यादा सेवादारों की जरूरत होती है।

कुटिया में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री करेंगे हनुमान कथा
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गोबिंद कांडा ने बताया कि श्री बाबा तारा जी कुटिया में 13 सितंबर से 17 सितंबर तक बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री हनुमान कथा प्रवचन करेंगे। इसके साथ ही 15 से 22 फरवरी 2025 तक  पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिवमहापुराण कथा प्रवचन किया जाएगा।  उन्होंने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे शिव रात्रि पर आयोजित होने वाले समारोह में बढ़चढक़र शामिल होकर श्री बाबा तारा जी की आशीर्वाद प्राप्त करें।  उन्होंने कहा कि श्री बाबा तारा जी ने देह का त्याग किया है पर वे कुटिया में ही मौजूद रहते है, उनकी मौजूदगी का अहसास होता रहता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार कथा में चैन स्नैचिंग की कई वारदातें हुई थी ऐसे में श्रद्धालुओं खासकर महिला श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे जेवरात पहनकर कथा में न आए।

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