Jan Shiksha Adhikar Manch Kaithal : चिराग योजना और नई शिक्षा नीति जनता के हित में नहीं : प्यौदा

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धरने पर बैठे मंच के पदाधिकारी व अन्य नेतागण।
धरने पर बैठे मंच के पदाधिकारी व अन्य नेतागण।

Aaj Samaj (आज समाज), Jan Shiksha Adhikar Manch Kaithal, मनोज वर्मा, कैथल:
जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल ने सफल धरने के आज 408 दिन पूरे किए। आज धरने की अध्यक्षता सतबीर प्यौदा और सुखपाल मलिक खुराना ने संयुक्त रूप से की। सतबीर प्यौदा ने 408 दिन के सफल संचालन के लिए जन शिक्षा अधिकार मंच की प्रबंधन समिति को बधाई दी और इस धरने को ऐतिहासिक धरना बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले लोगों के लिए यह धरना एक प्रेरणा का कार्य करेगा। इस धरने की ऐतिहासिक तौर पर भी चर्चा होगी और हम हर गिज पीछे हटने वाले नहीं है। बल्कि यह धरना लगातार जारी रहेगा और 9 दिसंबर को एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। जिसमें किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, बेरोजगार, कर्मचारी और किसान इसमें शामिल होंगे।

जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के सहसंयोजक बलबीर सिंह ने कहा कि इस आंदोलन को लेकर एक पुस्तक भी छापी जाएगी। जिसके लिए जल्द ही एक कमेटी का निर्माण किया जाएगा। हमारा किसी भी सरकार से विरोध नहीं है, विरोध है तो नीतियों को लेकर है। हम किसी भी सरकार के संवैधानिक और लोकतांत्रिक तथा जनहित में लिए गए फैसलों का सम्मान करते रहे है। चिराग योजना और नई शिक्षा नीति जनता के हित में नहीं है। इससे बड़े पैमाने पर आम छात्रों का बड़ा नूकसान होने वाला है। इसलिए नई शिक्षा नीति को रद्द करना चाहिए और चिराग योजना को भी वापिस लेना चाहिए।

सुखपाल मलिक खुराना ने कहा कि हरियाणा सरकार को शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर रद्द करना चाहिए, शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज राजद्रोह का मुकदमा तानाशाही का प्रतीक है। इस प्रकार के मुकदमों से जनता में दशहत फैलती है और डर के मारे वे जायज मांगे भी सरकार से नहीं कर पाते है। लोकतंत्र में डर की संस्कृति को खत्म करना चाहिए। आज ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के वरिष्ठ नेता बसाऊ राम ने अपने संगठन का समर्थन जन शिक्षा अधिकार मंच को दिया व कहा कि जन शिक्षा अधिकार मंच सरकारी शिक्षा को बचने की आवाज उठाकर गरीब व मेहनतकश जनता का काम कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा यदि सरकारी शिक्षा को खत्म कर दिया गया तो बड़े पैमाने पर आम जनता अनपढ़ रहने को मजबूर होगी, क्योंकि निजी क्षेत्र मे शिक्षा केवल पैसे वाले ही हासिल कर सकते है। क्योंकि वहां शिक्षा दी नही जाती है बल्कि शिक्षा खरीदी जाती है। वो भी पैसों के बल पर। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार आम व गरीब जनता को अंधेरे मे रखना चाहती है ताकि आने वाले समय मे लोग अपने अधिकार व उन बारे सत्ता से सवाल न कर सके। किसी भी लोकतंत्र की सफलता के लिए सवालों का उठना और उठाना बेहद जरूरी है।

ये रहे मौजूद

धरने पर जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री,अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान महेंद्र सिंह, हजूर सिंह, रणधीर ढुंढ़वा,बलवंत रेतवाल, रामशरण राविश, आभेराम कसान, मंगता पाई, मामचंद खेड़ी सिम्बल,भीम सिंह तितरम, रामकली जांगड़ा,बतेरी,केलो देवी, वीरभान हाबड़ी, जयपाल फौजी, रमेश हरित, नरेश रोहेड़ा, रामकरण, सुरजीत,नसीब सिंह, रमेश कुमार आदि भी उपस्थित थे।

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