Aaj Samaj (आज समाज), Jan Shiksha Adhikar Manch Kaithal, मनोज वर्मा कैथल:
जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 373 वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता किसान नेता दुनी चंद तितरम ने की। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में धर्मेंद्र प्रधान केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री बने। इससे पूर्व रमेश पोखरियाल शिक्षा मंत्री थे। दोनों शिक्षा मंत्रियों का कार्यकाल में कितने नये सरकारी विश्वविद्यालय बने, कितने महाविद्यालय बने तथा कितने मैडिकल कॉलेज बने,इसकी रिपोर्ट देश के सामने रखनी चाहिए। सरकारी कालेजों, विश्वविद्यालयों और मैडिकल कॉलेजों में कितने लोग ठेके पर रखे गए,यह रिपोर्ट भी देश के सामने रखनी चाहिए।
इस अवसर पर जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि सतासीन भाजपा के नेता बिहार के शिक्षा मंत्री को मानसिक बीमार बता रहे थे, यदि केंद्र में शिक्षा मंत्री पद पर आसीन धर्मेंद्र प्रधान स्वस्थ है तो अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करे ताकि जनता निरीक्षण कर पाए कि बेहतर शिक्षा मंत्री कौन है ? हमारे शिक्षा मंत्रियों को क्या करना चाहिए था, उन्होंने आज तक क्या किया है ? उन द्वारा लिए गए निर्णय क्या देशहित और जनहित में थे ? और यदि गलतियां हुई है तो वह क्या थी ? इन सब पर चिंतन मनन होना चाहिए।
लोकतंत्र और शिक्षा का आपस में गहरा संबंध : नेता ओमपाल
सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता ओमपाल भाल ने कहा कि लोकतंत्र और शिक्षा का आपस में गहरा संबंध है और एक के अभाव में दूसरा सफल नहीं हो सकता। लोकतंत्र लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करने में विश्वास करता है । लेकिन यदि लोग शिक्षित नहीं है तो उनकी स्वतंत्रता अराजकता और अनुशासनहीनता की ओर जा सकती है । इसका बहुत बड़ा अंदेशा शिक्षा के अभाव में रह सकता है। इससे निजात पाने के लिए हमें हमारी शिक्षा प्रणाली में और अधिक सुधार की आवश्यकता है। लोकतांत्रिक शिक्षा के लिए आज देश में आर्थिक आत्मनिर्भरता की भी जरूरत है। एक सच्चे लोकतंत्र में शिक्षा व्यवस्था एक पक्षीय नहीं होनी चाहिए। इसलिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में सभी धर्मों का समावेश होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द करना चाहिए और चिराग योजना को तुरंत रद्द करना चाहिए और नई शिक्षा नीति में बड़े पैमाने पर सुधार करने की आवश्यकता है और शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने सुधार करने के लिए ही अपने विचार रखे थे। निजीकरण की आलोचना देशद्रोह नहीं हो सकती, लेकिन इसके बावजूद सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का केस दर्ज कर दिया गया। जोकि बेहद निंदनीय है और चिंताजनक भी है। हमारा सरकार से आग्रह है कि सुरेश द्रविड़ पर दर्ज मुकदमा रद्द कर देना चाहिए।
जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने कहा कि न्यूजक्लिक के पत्रकार ईमानदार है। दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करके सही और सच की आवाज को दबाना चाहती है। देश में ईमानदार और निष्पक्ष, निडर पत्रकारकारिता की जरूरत है, बिकाऊ मीडिया देश को पीछे ले जाने का ही काम करता है। मैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं वह एक राष्ट्रवादी और बेहद ईमानदार पत्रकार है। मैं उनका सम्मान करता हूं। मैं कई कार्यक्रमों में मिला हूं उन्होंने हमेशा आम व्यक्ति की आवाज को उठाया है।
धरने पर आज जयपाल फौजी, सतबीर प्यौदा, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, बलवंत रेतवाल, कलीराम प्यौदा,भीम सिंह तितरम, शमशेर चौशाला, आशा, ज्योति, प्रोमिला, रामफल मलिक, मियां सिंह,आभेराम, रणधीर ढुंढ़वा आदि भी उपस्थित थे।
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