आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। जन सेवा दल के प्रांगण में मुरथल स्वामी दयानंद सरस्वती ने सोमवती अमावस्या के अवसर पर दान का महत्व बताया। पुण्यतिथि का मतलब अपने बड़ों के आदर्श विचारों को याद करना। उन्होंने कहा जन सेवा दल अपनी पहचान का मोहताज नहीं है। आज पूरा पानीपत इन्हें इसलिए जानता है कि इनकी सेवाएं निस्वार्थ भाव की होती है। जन सेवा दल ने जो अपना आशियाना बनाया है, यह सजीव मूर्तियों का अपना मंदिर है। ब्रह्म ऋषि श्रीनाथ ने सत्संग के माध्यम से समझाया सत्संग का मतलब है सच्चाई का रास्ता, जो व्यक्ति इस रास्ते पर चलता है उसे कभी कठिनाई नहीं आती।
हर समस्या का हल जन सेवा दल
विधायक विज के सुपुत्र राहुल विज ने कहा हमारे दादा को 20 वर्ष हो गए हैं, हमारे बीच में से गए। मगर आज भी उनकी यादें हमारे साथ हैं हमारा पूरा परिवार जन सेवा दल के साथ जुड़ा हुआ है। फतेह चंद विज ने जन सेवा दल के लिए बहुत सेवा की यह पौधा उन्हीं का लगाया हुआ है। मंच संचालन युधिष्ठिर शर्मा जन सेवा दल का मतलब है जन-जन की सेवा करना। उनका कहना था जी आपने कोरोना काल में भी देख लिया हर समस्या का हल जन सेवा दल। प्रधान कृष्ण मनचंदा के नेतृत्व में ढाई सौ बुजुर्ग गरीब असहाय बहनों और माताओं को राशन दिया गया और सभी को लंगर खिलाया गया।
सालगिरह या पुण्यतिथि अपना आशियाना में मनाने की अपील
सचिव चमन गुलाटी ने सभी का तहे दिल से धन्यवाद किया और अपील की कि पानीपत में जो अपना आशियाना बनाया गया है, आप वहां आकर अपने बच्चों की जन्मदिन सालगिरह या पुण्यतिथि जीवित मूर्तियों के साथ मना सकते हैं। जिससे उन्हें यह लगे कि हमारा भी इस दुनिया में कोई है। लेखराज जताना ने भजनों के माध्यम से सबका ध्यान प्रभु नाम से जोड़ा। इस विशेष कार्य में सुनील सोनी, मनीष जैन, अशोक नारंग, जन सेवा दल के प्रधान कृष्ण मनचंदा, चमन गुलाटी, राजू मनोचा, अशोक मिगलानी, कमल गुलाटी, श्याम लाल, अशोक, गुलशन अरोड़ा, राजू कथूरिया, अशोक कपूर, जगन्नाथ नागपाल, ओमप्रकाश सिंधवानी, रसोई के प्रधान कपूर रमेश सिंगला, यस बंगा व जन सेवा दल के सभी कार्यकर्ताओं ने मिलजुल कर सेवा की।