• देश में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र
  • 50-90 प्रतिशत सस्ती दवाएं बेचते हैं केंद्र

JP Nadda On Jan Aushadhi Diwas, (आज समाज), नई दिल्ली: आज ‘जन औषधि दिवस’ हैं और इस अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जन औषधि केंद्रों से 30,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। उन्होंने बताया कि देश में आज 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं जो एक दिन में 10 लाख से अधिक लोगों को सस्ती दवाइयां बेच रहे हैं। ये केंद्र 50-90 प्रतिशत सस्ती दवाएं बेचते हैं और इससे 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

‘अच्छी भी, सस्ती भी’ का मंत्र

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना ने ‘अच्छी भी, सस्ती भी’ के मंत्र के साथ देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बदल दिया है, जिससे सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती दवाइयां सुनिश्चित हुई हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जन औषधि केंद्र 2,047 दवाएं और 300 सर्जिकल आइटम बेचता है, जो विविध चिकित्सीय जरूरतों को पूरा करता है।

व्यवसायों के लिए प्रदान किए जाते हैं विशेष प्रोत्साहन

नड्डा ने कहा, मुफ्त दवा योजनाओं के विपरीत, पीएम-बीजेपी कड़े गुणवत्ता जांच, प्रतिस्पर्धी खरीद और पीएमबीआई (फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो आफ इंडिया) द्वारा प्रबंधित एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से स्थिरता बनाए रखती है। उद्यमशीलता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए, दूरदराज के क्षेत्रों में एससी/एसटी समुदायों, महिलाओं और व्यवसायों के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं।

2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य

नड्डा ने बताया कि भारत से आगे विस्तार करते हुए, पहला विदेशी जन औषधि केंद्र मॉरीशस में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। इस साल भी हम 5,000 जन औषधि केंद्र खोलेंगे। नड्डा ने कहा, मैं सभी से जन औषधि केंद्रों पर जाने का आग्रह करता हूं। यदि आप पहले से ही जन औषधि दवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं, तो अपना अनुभव दूसरों के साथ साझा करें।

जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है दिवस

बता दें कि हर साल 7 मार्च को पीएमबीजेपी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस पहल का समर्थन करने के लिए 1 से 7 मार्च तक पूरे देश में सप्ताह भर के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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