कश्मीरी मुस्लिम करेंगे श्री अमरनाथ यात्रा का स्वागत, भेंट करेंगे गीता

0
370
Kashmiri Muslims to welcome Shri Amarnath Yatra
Kashmiri Muslims to welcome Shri Amarnath Yatra

आज समाज डिजिटल, Jammu News:
यदि काशी भगवान शिव की नगरी है तो कश्मीर भोले बाबा का घर है। यह संदेश आने वाले शिवभक्तों को कश्मीर घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में नजर आएगा। भगवान शिव को कश्मीरियत का अभिन्न हिस्सा मानने वाले कश्मीरी मुस्लिम युवाओं का समूह अमरनाथ यात्रियों का स्वागत करेगा। स्वागत का ये अंदाज भी अनोखा ही होगा।

स्वागत का इंतजाम हो चुका पूरा

स्वागत के लिए युवाओं ने मालाओं के अलावा राष्ट्रीय ध्वज, शिव पार्वती की तस्वीरें और गीता की प्रतियों की व्यवस्था कर ली है। कश्मीर घाटी में प्रवेश के दौरान अमरनाथ यात्रियों पर पुष्पवर्षा की जाएगी। उन्हें फूल की मालाएं पहनाकर पवित्र गीता भेंट की जाएगी। स्वागत में जुटे इन युवाओं का नेतृत्व कर रहे जावेद बेग का कहना है कि श्री अमरनाथ यात्रा भारत के उस विचार को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है, जिसमें सभी धर्मों को एक समान माना गया है।

सूफी संतों और ऋषि परंपरा पर शोध कर रहे जावेद

कश्मीर में शैव दर्शन, सूफी संतों, ऋषि परंपरा और कश्मीरी संस्कृति के इतिहास पर शोध कर रहे जावेद बेग के अनुसार कोई भी कश्मीरी भगवान शिव से खुद को अलग करके नहीं देख सकता। धर्म में बदलाव आए हैं लेकिन हमारी संस्कृति वही है। जावेद बेग के अलावा इस समूह में शामिल आसिफ मीर, यावर हुसैन बेग, मकबूल अहमद, तारिक अहमद भी अमरनाथ यात्रा को यादगार बनाने में लगे हैं। इन युवाओं ने कहा कि शैव दर्शन कश्मीर की विरासत है।

बाबा बर्फानी के भक्तों से साझा करेंगे विचार

अमरनाथ यात्रा जैसे मौके पर वह इसे बाबा बर्फानी के भक्तों के साथ साझा करना चाहते हैं। प्रशासन से अनुमति मिल गई है। सुबह ग्यारह बजे यात्रियों का स्वागत करेंगे। जावेद बेग पीओके में स्थित कश्मीरी पंडितों के धार्मिक स्थल शारदा पीठ और कश्मीर में अभिनव गुप्त से जुड़े इतिहास को स्कूल में पढ़ाने की वकालत करते हैं। बेग ने कहा कि वे बडगाम के बीरवाह में रहते हैं। उनके घर के पास अभिनव गुप्त काल से जुड़ी गुफा है, जिसका वह संरक्षण कर रहे हैं।

इन्हें सेलेबस में शामिल करने का रख चुके प्रस्ताव

उन्होंने सरकार के समक्ष शारदा पीठ और अभिनव गुप्त को सेलेबस में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा है। शिव भक्तों के कदम जिस रास्ते से पवित्र गुफा की तरफ बढ़ते हैं, अब्दुल अहद उस मार्ग को साफ सुथरा रखते हैं। बालटाल से दोमेल ट्रैक पर अमरनाथ यात्रा में हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की यह नजीर हर देखने वाले को प्रेरित करती है। यात्रा में घोड़े, पालकी समेत यात्रियों की जरूरत से जुड़ी कई सेवाएं मुस्लिम देते हैं।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उठा रहे कचरा: अब्दुल

इस बीच अब्दुल अहद अपने साथियों के साथ पूरी यात्रा के दौरान रास्ते को साफ सुथरा रखने में लगे रहते हैं। अब्दुल अहद कहते हैं कि बाबा अमरनाथ के दर्शन करने श्रद्धालुओं के जत्थे को कचरे से कोई परेशानी न आए, उनकी टीम इसे लेकर खास ख्याल रखती है। यात्रा के दौरान उनकी तरफ से यह छोटी सी सेवा है, जिसे अंजाम देकर टीम के सभी साथी सुकून महसूस करते हैं।

ये भी पढ़ें : कार्तिकेय शर्मा की जीत को लेकर समस्त ब्राह्मण समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद

ये भी पढ़ें : खुल गया प्रगति मैदान सुरंग, पीएम मोदी ने किया टनल और अंडरपास का उद्घाटन