Jammu-Kashmir Assembly Breaking, (आज समाज), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर आज दूसरे दिन फिर हंगामा हुआ। आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, पीडीपी और एनसी के विधायकों ने नारेबाजी और शोर-शराबा करना शुरू कर दिया। वे वक्फ अधिनियम को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। भारी हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई।

महबूबा मुफ्ती ने लगाया आरोप

पीडीपी विधायक वाहिद उर्ररहमान ने विधानसभा में वक्फ बिल को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा। वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि वक्फ अधिनियम चार करोड़ मुसलमानों के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने पार्टी के विधायक का प्रस्ताव सोशल मीडिया मंच एक्स पर भी साझा किया। महबूबा मुफ्ती ने कहा, वक्फ संशोधन अधिनियम देश के 24 करोड़ मुसलमानों की आस्था, सम्मान व अधिकारों पर सीधा हमला है। जम्मू-कश्मीर एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और इस वजह से यहां के मुसलमानों को वक्फ एक्ट के खिलाफ आगे आना चाहिए।

लोगों के अधिकारों की रक्षा करें मुख्यमंत्री

पीडीपी प्रमुख ने बताया कि उनकी पार्टी ने वक्फ के मुद्दे को उठाते हुए एक नया प्रस्ताव दिया है और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार इसे गंभीरता से ले। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आग्रह है कि वे राजनीतिक संकल्प दिखाकर अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आगे आएं।

सोमवार को भी भारी हंगामा हुआ

गौरतलब है कि सोमवार को भी विधायकों ने विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर कई बार हंगामा किया। इस दौरान भारी शोर-शराबा हुआ और हाथापाई तक की नौबत आ गई। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला विचाराधीन है।हंगामे के बीच बीते कल सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विधायकों ने  फिर से हंगामा कर दिया। तीसरी बार विधानसभा अध्यक्ष  ने सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

यह भी पढ़ें : Jammu-Kashmir Weather: जम्मू के भद्रवाह व आसपास के इलाकों में ताजा बर्फबारी