Encounter In Anantnag, (आज समाज), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के सुदूर एक जंगल में मुठभेड़ के दौरान दो जवान शहीद हो और 4 सैनिकों सहित 6 लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुदूरवर्ती अहलान गगरमांडू जंगल में पिछले कल आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी आधार पर इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान आतंकियों के एक समूह ने संयुक्त तलाशी दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। दल में पैरा कमांडो सहित सैन्यकर्मी और स्थानीय पुलिस के कर्मी शामिल थे।
अस्पताल में दो सैनिक मृत घोषित
मुठभेड़ में घायल हुए छह सैन्यकर्मी और दो नागरिकों को तुरंत निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां दो सैनिकों को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य जख्मी सैन्यकर्मी व नागरिक अस्पताल में भर्ती हैं। इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है और अंतिम सूचना तक आतंकियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने का अभियान जारी था।
सितंबर में कोकरनाग में हुआ था ऐसा एनकाउंटर
पिछले साल सितंबर में कोकेरनाग में भी इसी तरह का एनकाउंटर हुआ था जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट सहित चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर सहित दो आतंकियों को भी मार गिराया गया था
डोडा में हुई मुठभेड़ से बचकर आए हो सकते हैं आतंकी
माना जा रहा है कि हाल ही में अनंतनाग की घटना में शामिल आतंकी डोडा में हुई मुठभेड़ से बचकर किश्तवाड़ जिले से सीमा पार कर आए होंगे। श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि 5 अगस्त को मानवीय और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पुष्टि हुई कि जुलाई में डोडा क्षेत्र में अत्याचारों के लिए जिम्मेदार आतंकी किश्तवाड़ रेंज को पार कर दक्षिण कश्मीर के कापरान-गरोल क्षेत्र में घुस आए हैं।
इलाका 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर
प्रवक्ता ने कहा, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लगातार इन आतंकवादियों पर नजर रखी और 9 व 10 अगस्त की रात को कापरान के पूर्व में पहाड़ों पर सटीक अभियान चलाया गया, जहां कथित तौर पर ये आतंकी छिपे थे। उन्होंने कहा, 10 अगस्त को अपराह्न करीब दो बजे संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। चुनौती दिए जाने पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें दो सैन्यकर्मी और आसपास के दो नागरिक घायल हो गए। घायल नागरिकों की आतंकी पृष्ठभूमि का पता लगाया जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा, यह इलाका 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है, यहां घने जंगल, बड़े-बड़े पत्थर, नाले और जटिल रास्ते हैं जो अभियान के लिए गंभीर चुनौती पेश करते हैं।