Jammu-Kashmir Chunav: पहले चरण में आतंकियों के गढ़ शोपियां और पुलवामा में भी बंपर वोटिंग

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Jammu-Kashmir Chunav पहले चरण में आतंकियों के गढ़ शोपियां और पुलवामा में भी बंपर वोटिंग
Jammu-Kashmir Chunav : पहले चरण में आतंकियों के गढ़ शोपियां और पुलवामा में भी बंपर वोटिंग

JK Assembly Elections, (आज समाज), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान कल शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। आतंकी धमकियों के बावजूद कहीं से किसी तरह की कोई अप्रिय वारदात सामने नहीं आई है। इसी के साथ आतंकियों के गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जैसे इलाकों में पहले हुए चुनावों की तुलना बंपर वोटिंग हुई है।

  • किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14 प्रतिशत वोटिंग

लोगों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और लोगों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण में कल सात जिलों की 24 सीटों के लिए 61.13 फीसदी मतदान हुआ है और किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं पुलवामा में सबसे कम 46.65 प्रतिशत मतदान हुआ है।

इस बार रिकॉर्ड वोटिंग : मुख्य निर्वाचन अधिकारी

मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पोले के मुताबिक कई क्षेत्रों में जहां पहले पारंपरिक वोट प्रतिशत न्यूनतम रहता था, वहां भी इस बार रिकॉर्ड वोटिंग हुई है। शोपियां और पुलवामा जिले में बीते 4 लोकसभा चुनाव और 3 विधानसभा चुनाव के बाद अधिकतम वोटिंग हुई है। बता दें कि इन इलाकों को आतंकियों का गढ़ माना जाता था। दोनों जिलों में कुछ समय पहले आतंकी हमले आम थे।

फर्स्ट फेज में इन सीटोें पर हुई वोटिंग

पीके पोले ने बताया कि पहले चरण में पूरी तरह शांतिपूर्ण मतदान हुआ है और कहीं भी पुनर्मतदान करवाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि इस चरण में 7.14 लाख मतदाता और 219 उम्मीदवार मैदान में थे। पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम की 16 सीटों पर और चिनाब घाटी के किश्तवाड़, रामबन और डोडा की 8 सीटों पर मतदान हुआ है। सीटों के 1328 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सुबह से शाम तक मतदाताओं की लंबी लाइंस देखी गईं।

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने भी डाले वोट

लगभग 35 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने भी मताधिकार का उपयोग किया। देश के अलग-अलग राज्यों में 35000 से ज्यादा कश्मीरी पंडित रह रहे हैं बता दें कि विस्थापित पंडितों के लिए देश की राजधानी दिल्ली के अलावा उधमपुर और जम्मू में स्पेशल 24 विशेष बूथ बनाए गए थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद व तत्कालीन राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से जेएंडके में यह पहला विधानसभा चुनाव है।

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