नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद घाटी में सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाए गए हैं। मोबाइल, इंटरनेट और अन्य सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। आज जम्मू-कश्मीर के सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने श्रीनगर में प्रेस कांफ्रेंस की और घाटी के हालातों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीमा पार से आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार को कुछ निश्चित कदम उठाने की आवश्यकता थी। इस वजह से प्रतिबंध लगाए गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जरूरी और विश्वसनीय इनपुट हमें मिले थे कि आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में हमले करने की योजना बना रहे हैं। परिणाम स्वरूप उठाए गए कदमों में लोगों की आवाजाही और दूरसंचार कनेक्टिविटी पर प्रतिबंध लगाए गए थे। साथ ही सभाएं करने, स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के प्रतिबंध शामिल थे। जानकारी दी कि सप्ताह के अंत तक घाटी में स्कूल खोले जाएंगे। सरकारी कार्यालयों में आज से कामकाज शुरू हो गया है। दूरसंचार कनेक्टिविटी धीरे-धीरे शुरू की जाएगी और चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 में से 12 जिलों में हालात सामान्य हैं। जिनमें से पांच जिलों में सीमित प्रतिबंध लागू हैं। बताया कि जगह-जगह किए गए उपायों से यह बात साफ है कि जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। मुख्य सचिव ने कहा कि लागू किए गए प्रतिबंधों की समीक्षा की जा रही है। साथ ही कानून-व्यवस्था के आकलन के आधार पर उचित निर्णय किए जाएंगे। साथ ही आतंकवादी पहले की तरह घाटी को निशाना न बना सकें इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, सरकार का पूरा ध्यान हालात सामान्य करने पर है।