नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर हो रही संसद की बहस में हिस्सा ले रहे थे। वह अपने भाषण में इतने खो गए कि उन्हें यह भी नहीं पता चला कि वह क्या बोल रहे हैं। बहस के दौरान वह जाने अंजाने यूएन को बीच में ले आए। हालांकि इस बात पर उन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने टोका कि क्या जो आप कह रहे हैं वह कांग्रेस का स्टैंड भी है? इस दौरान सोनिया गांधी काफी असहज दिखीं। बाद में उन्होंने बयान दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। चौधरी ने कहा कि हमारे देश में कौन सा कानून पास होगा, यह हमारा देश ही तय करेगा। वहीं, पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ ट्रेड खत्म किए जाने पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे पता था कि पाकिस्तान कुछ करने जा रहा है। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने लाल किले से घोषणा की थी कि हम कश्मीरियों को गोलियों से नहीं बल्कि उन्हें गले लगाकर आगे बढ़ाएंगे, लेकिन आज कश्मीर में स्थिति एक कंसंट्रेशन कैंप के समान है। कोई मोबाइल/इंटरनेट कनेक्शन नहीं, कोई अमरनाथ यात्रा नहीं, वहां क्या हो रहा है।
मालूम हो कि जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को द्विभाजित करने के लिए मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने एक प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव पेश किए जाने के तुरंत बाद सदन में उनके और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच एक मौखिक झड़प देखने को मिली थी। शुरूआती टिप्पणी करने के लिए अपनी सीट से उठकर चौधरी ने गृहमंत्री शाह से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर सरकार की स्थिति के बारे में जानना चाहा। 1994 में सदन द्वारा पूरे जम्मू एवं कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए एक प्रस्ताव का उल्लेख किया गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को द्विभाजित करके उसे केंद्रीय शासित प्रदेश बनाने के लिए सरकार ने सारे नियम कानूनों को खिड़की से उठाकर बाहर फेंक दिया। हालांकि अमित शाह ने तुरंत इस पर उन्हें टोका और कहा कि वह बताएं कौन से नियम कानून तोड़े गए हैं अन्यथा देश की सबसे बड़ी पचायत में सामान्य बयान न दें।
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