नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी अपने एक बयान की वजह से विवाद में आ गए हैं। अधीर रंजन ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके व्यवहार के साथ-साथ उनके बयान भी भाजपा नेता की तरह हैं।
आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर में लगातार स्थिति में सुधार हो रहा है। इस देखते हुए प्रशासन ने अधिकतर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी हैं। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार से घाटी में कहीं भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थिति बेहतर होते देख संचार सेवाओं में ढील दी गई है।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को राज्य में दवाओं और आवश्यक वस्तुओं की किसी कमी से इनकार करते हुए कहा कि संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से वहां बहुत सी जिंदगियां बचीं। घाटी में रविवार को दवा की अधिकतर दुकानें खुली रहीं।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक बयान में कहा कि श्रीनगर में दवा की 1,666 दुकानों में से 1,165 दुकानें रविवार को खुली हैं। इसमें कहा गया कि कश्मीर घाटी में 7,630 फुटकर दवा विक्रेता तथा 4,331 थोक दवा विक्रेता हैं। वहां करीब 65 फीसद दुकानें खुली हुई हैं। मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कहीं भी दवाओं और आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं है और लोगों की खरीद के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने कहा, वास्तव में, ईद में हमने लोगों के घरों पर मीट, सब्जियों और अंडों की आपूर्ति की। हालांकि कश्मीर में दुकाने और व्यावसायिक प्रतिष्ठान लगातार बंद रहे। अबतक 21 दिन हो गए हैं जब कश्मीर में दुकाने और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि घाटी में 72 जगहों पर जांच की गई। इसमें कहीं भी कालाबाजारी या अधिक दाम पर सामान बेचने का मामला सामने नहीं आया। घाटी में आवश्यक समान मुहैया कराने की जिम्मेदारी श्रीनगर के एसडीएम (पूर्वी) उठा रहे हैं।
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