श्रीनगर। केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटा दिया और उसे केंद्र शासित प्रदेश कुछ समय के लिए बना दिया। इसके लिए शुरू में प्रतिबंध लगाए गए थे और नेताओं को नजरबंद भी किया गया था। लेकिन अब घाटी में अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन कर रही सिविल सोसाइटी की महिला सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन व बेटी समेत 13 महिलाएं शामिल थीं। इन्हें बाद में पुलिस ने धारा 107 व 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया। वहीं फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है। विरोध प्रदर्शन करने के लिए ये महिलाएं मंगलवार की सुबह लाल चौक से सटे प्रताप पार्क में एकत्रित हुईं और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध प्रदर्शन करने लगीं। प्रदर्शनकारियों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया मट्टू और उमर अब्दुल्ला की बहन सफिया समेत कई महिलाएं शामिल थीं। यहां पहली बार किसी प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए सीआरपीएफ की महिला बटालियन की तैनाती देखने को मिली। डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया ने कहा कि हम कश्मीर की महिलाएं भारत सरकार अनुच्छेद 370 व 35ए को रद्द करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने का विरोध करते हैं। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द सियासी बंदियों को रिहा किया जाए, घाटी में नागरिक स्वतंत्रता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बहाल किया जाए,और ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों से सेना को हटाया जाए। उमर और महबूबा को पीएसए के तहत अभी हिरासत में रखा गया है।