नई दिल्ली। भारतीय सेना के नए अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे पदभार संभालने के तुरंत बाद लद्दाख के सियाचिन दौरे पर पहुंचे। सेनाध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले दौरे पर सियाचिन पहुंचकर उन्होंने युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इसके बाद सुरक्षाबलों से मुलाकात की और जानकारियां लीं। इन्हें के साथ नए सेनाध्यक्ष ने जवानों को नव वर्ष की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि सेना प्रमुख के रूप में यह मेरी पहली यात्रा है। उन्होंने जानकारी दी कि यहां आने का मेरा इरादा बहुत पहले ही था लेकिन जनवरी के पहले सप्ताह में मौसम बहुत खराब हाने के कारण साथ ही उन्होंने कहा कि यहां आने का मेरा इरादा काफी पहले से था, लेकिन जनवरी के पहले सप्ताह में मौसम बहुत अच्छा नहीं था जिसके कारण नहीं पहुंच सका था। सेना अध्यक्ष ने कहा कि हम जानते हैं कि यहां हर इंसान बहुत कठिन स्थिति, दुर्गम इलाके और बफीर्ले मौसम की चपेट में है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सैनिकों के प्रयास उन्हें हर संभव मदद दी जा सके। फिर चाहें वह खाद्य सामग्री हो या कपड़े। गौरतलब है कि सेनाध्यक्ष नरवणे ने पदभार संभालते ही पड़ोसी मुल्क को चेताया था कि उसका यह पैंतरा अधिक दिनों तक नहीं चल सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के उकसावे या उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के किसी भी कृत्य का जवाब देने के लिए कई सारे विकल्प हैं। अगर पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं रोकता है, तो हमारे पास एहतियातन आतंकी अड्डों पर हमला करने का अधिकार है। बता दें कि जनरल बिपिन रावत के स्थान पर जनरल नरवणे देश के 28 वे सेना प्रमुख बने हैं।