Aaj Samaj (आज समाज), Jammu Akhnoor News, श्रीनगर: सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। वारदात अखनूर की है और चार आतंकियों की संदिग्ध गतिविधि दिखने की बात कही जा रही है। घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए सेना ने एक आतंकी मार गिराया। भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। कैमरे में तीन आतंकी एक शव को इंटरनेशनल बॉर्डर के पार ले जाते दिखे।
- इस वर्ष 19 सुरक्षाकर्मी शहीद, 28 आतंकी ढेर
हमले में शहीद हुए हैं 5 जवान, सर्च आपरेशन जारी
दूसरी तरफ पुंछ जिले में गुरुवार को हुए हमले के बाद राजौरी और पुंछ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। बता दें कि इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए हैं। चार से छह आतंकी हमले में शामिल बताए गए हैं और उनकी लगातार तलाशी की जा रही है। शुक्रवार को भी सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी रहा मगर अभी कामयाबी नहीं मिली है। आज फिर सर्च आॅपरेशन शुरू कर दिया गया है और इस बीच इंटनरेट सेवाएं बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
जवानों की शहादत के बाद सेना और एजेंसियां अलर्ट
ऊंचाई पर बैठे आतंकियों ने गुरुवार शाम करीब पौने चार बजे राजौरी-थन्नामंडी-सुरनकोट रोड पर धत्यार मोड़ के पास सेना के वाहनों पर उस समय घात लगातार हमला कर दिया था जब, सैन्यकर्मी बफलियाज की ओर से 48 राष्ट्रीय राइफल्स की जिप्सी व एक ट्रक से डेरा गली आ रहे थे। पांच जवानों की शहादत की घटना के बाद सेना और एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं।
वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल कर रहे आतंकी
सैन्य सूत्रों के अनुसार आतंकी वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसी वजह से वे बार-बार जगह बदल रहे हैं। सुरक्षाबलों को उन्हें ढूंढने में दिक्कत हो रही है। इंटरनेट बंद करने से आतंकी जहां जिस जंगल में होंगे वे बिना मदद आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इंटरनेट सेवा बंद करने से सेना को आतंकियों को ढूंढने में मदद मिलेगी और जल्द ही शहादत का बदला लिया जाएगा।
2 माह पहले की थी रेकी, इलाके के लोगोंं ने की आतंकियों की मदद
इस बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार आतंकियों ने जिस इलाके में सेना की गाड़ी को निशाना बनाया है, वहां करीब दो माह पहले उन्होंने रेकी की थी। सेना ने बताया कि आतंकी पहाड़ी के ऊपर घात लगाकर बैठे थे ताकि सेना के वाहनों के मूवमेंट पर नजर रख सकें। जैसे ही सेना के वाहन धत्यार मोड़ पर पहुंचे, हाइट पर बैठे आतंकियों ने उन पर ग्रेनेड दागे, फिर अंधाधुंध गोलियां बरसा दींं। इसके अलावा सूत्रों से यह बड़ी जानकारी सामने आई है कि स्थानीय लोगों ने आतंकियों की मदद की थी। इस बीच आईएसआईएस की साजिश का भी खुलासा हुआ है, जिसमें जानकारी मिली है कि प्लान के तहत हाइवे पर सेना को निशाना बनाने के साथ-साथ रेलवे ट्रैक को भी निशाना बनाने की प्लानिंग की गई है।
आतंकियों का पाकिस्तान कनेक्शन
जांच एजेंसियों के अनुसार हमले में शामिल आतंकियों की संख्या चार से छह हो सकती है। सभी दहशतगर्द विदेशी हैं यानी चारों आतंकियों के पाकिस्तान कनेक्शन सामने आए हैं। शहीद जवानों के हथियार गायब हैं। अंदाजा लगाया जा गया है कि आतंकियों ने हथियार चुराए होंगे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से योजनाबद्ध तरीके से सेना के वाहनों पर हमला किया गया। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद जो सकारात्मक बदलाव हुए हैं, आतंकी इस नरेटिव को बदलना चाहते हैं।
व्यथित करने वाली तस्वीरें और वीडियो
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने हमले का त्वरित जवाब दिया। उन्होंने कहा कि घटनास्थल की व्यथित करने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं। इनमें देखा जा सकता है कि हर ओर खून फैला होने के साथ ही जवानों के टूटे हेलमेट व दोनों सैन्य वाहनों के टूटे शीशे बिखरे पड़े हैं। बता दें कि राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ों में अब तक 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 28 आतंकी मारे गए हैं। 54 नागरिक भी इन मुठभेड़ों में मारे गए हैं। इस वर्ष नवंबर में पुंछ से लगते राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में लश्कर के शीर्ष कमांडर क्वारी समेत दो आतंकी मारे गये थे।
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