आज समाज डिजिटल, Jalandhar News:
किसान आंदोलन को अनावश्यक और अनचाहा बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसान यूनियनों को नारेबाजी करने के बजाए गिरते जल स्तर को थामने में सहयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धान की बुवाई कार्यक्रम से किसानों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि जलस्तर सुधरेगा।
बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले: सीएम
भगवंत मान ने कहा कि वह महान गुरु साहिबान के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं और उनको इससे कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। भगवंत मान ने कहा कि मैं खुद एक किसान का बेटा हूं और मुझे अच्छी तरह पता है कि किसानों को कौन सी जरूरत है।
हवा और पानी बचाने में निजी हित नहीं
भगवंत मान ने कहा कि पानी और हवा को बचाने में मेरा कोई निजी हित नहीं, बल्कि इन बहुमूल्य स्रोतों को बचाने के लिए उनकी बड़ी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि किसानों को धरने और प्रदर्शन करने के बजाय पंजाब और पंजाबियों की बेहतरी के लिए इस नेक कार्य में आगे आकर राज्य सरकार का साथ देना चाहिए।
भगवंत मान ने कहा कि वह बासमती और मूंग की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का एलान पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीधी बुवाई करने वाले किसानों को भी प्रेरित कर रही है।
किसानों की चुप्पी पर दागा सवाल
मुख्यमंत्री ने किसानों से एक साल तक राज्य सरकार के प्रयासों को सहयोग करने की अपील की और कहा कि अगर इस दौरान किसानों का कोई नुकसान होता भी है तो राज्य सरकार उस की भरपाई करेगी। उन्होंने आंदोलनकारी किसान यूनियनों से कहा कि वह बताएं कि अगर राज्य में पानी बचाने और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के बारे वह (मुख्यमंत्री) अच्छा सोच रहे हैं तो इस में वह कहां गलत हैं।
भगवंत मान ने आंदोलनकारी संगठनों से सवाल किया कि जब बटाला में स्कूल बच्चों की बस का पराली जलाने के कारण हादसा हुआ और दो छोटे बच्चों की मौत हुई तो चुप्पी क्यों साध रखी।