Aaj Samaj (आज समाज), Jakarta Asean Meetings, बीजिंग: भारत के साथ चीन के रिश्ते बिगड़ने के बाद उसका व्यापार कम होने पर अब ड्रैगन की हेकड़ी निकलने लगी है। भारत से व्यापार कम होते ही चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने भारत से संबंध सुधारने का राग अलापा है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान बैठकों के मौके पर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा कि दोनों देशों के बीच संदेह के बजाय आपसी समर्थन की जरूरत है।
- भारत-चीन के बीच संदेह के बजाय आपसी समर्थन की जरूरत : वांग यी
जयशंकर और वांग की कल हुई मुलाकात
शुक्रवार को जयशंकर और चीन के पूर्व विदेश मंत्री एवं वर्तमान में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष वांग की मुलाकात हुई। दोनों नेता इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान रीजनल फोरम (एआरएफ) की बैठक में आए हुए हैं, जहां उनकी प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। पिछले कुछ महीनों में जयशंकर चीन के विदेश मंत्री के साथ दो बार बैठक कर चुके हैं।
अगस्त में फिर मिल सकते हैं वांग और जयशंकर
जयशंकर और वांग के बीच अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों और शीर्ष नेताओं की बैठक के दौरान फिर बैठकें होने की संभावना है। दोनो देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर और सैन्य कमांडर स्तर पर भी वार्ताओं का दौर एक निश्चित अंतराल पर चल रहा है। यह भी सूचना है कि सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच बैक-चैनल वार्ताएं भी हो रही हैं।
गलवान झड़प के बाद बिगड़ने रिश्ते
भारत और चीन 3,800 किमी की सीमा साझा करते हैं और 1962 में यहां दोनों देशों में युद्ध भी हो चुके हैं। हालांकि, इसके बाद संबंध कुछ हद तक सुधरे, लेकिन गलवान झड़प के बाद फिर संबंध खराब हो गए। गलवान घाटी पर 2020 में आमने-सामने की लड़ाई में 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने चीन से संबंध सामान्य नहीं रखे हैं।
शांति व अमन बगैर रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते : भारत
हालांकि, चीन एलएसी के पास दो स्थलों से अपनी सेनाओं को मई, 2020 से पहले वाली स्थिति में ले जाने को तैयार नहीं है। चीन का कहना है कि भारत के साथ सीमा पर स्थिति सामान्य है, जबकि भारत लगातार कह रहा है कि अभी स्थिति सामान्य नहीं है और सीमा पर शांति व अमन स्थापित किए बगैर रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।
चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
1990 के दशक से, सीमा समझौतों की एक श्रृंखला के बाद भारत-चीन के संबंधों में सुधार हुआ है और चीन भारत का अब दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ताजा झड़पों के बाद भारत ने चीन के साथ व्यापार घटाया है, जिसके चलते चीन ने अब एक बार फिर संबंध सुधारने की गुजारिश की है। 2020 में गलवान घाटी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण है।
यह भी पढ़ें :
- Tomato Price Update: अभी और ‘लाल’ होगा टमाटर, चंडीगढ़ में 350 रुपए किलो बिक रहा
- Rafale Marine Deal: नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से लैस होगी नौसेना, बेड़े में शामिल होंगे 26 नेवी राफेल
- Chandrayaan-3 Successfully Launched: चंद्रयान-3 की सफल उड़ान, 16 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा, 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग
Connect With Us: Twitter Facebook