Aaj Samaj (आज समाज), Jaishankar On Khalistan, लंदन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पांच ब्रिटेन दौरे के दौरान वहां गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) टिम बैरो के साथ खालिस्तान का मुद्दा उठाया। उन्होंने बैठक में कनाडा में जारी खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर भी चिंता जताई। जयशंकर ने भारत रवाना होने से पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग में मीडिया से बातचीत में विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी नेताओं के साथ अपनी चर्चा के कुछ पहलुओं को साझा किया।
वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों के सभी आयामों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री ने बताया कि ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) टिम बैरो के साथ हुई बैठक में वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा हुई। ब्रिटेन में अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के संबंध में भारत की चिंताओं पर भी बातचीत हुई। भारतीय विदेश मंत्री के मुताबिक मीटिंग में उन्होंने जोर देते हुए ब्रिटेन के नेताओं से कहा कि भाषण की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है और उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा।
कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमलों पर भी हुई बात
जयशंकर ने बैठक के दौरान कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमलों को याद किया और कहा कि भारतीय राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से डराया गया था। उन्होंने कहा, कनाडाई अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मार्च में भारतीय उच्चायोग में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता को पहचाना गया है और भारत की अपेक्षा है कि उसके राजनयिकों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाए और हिंसा व चरमपंथ की वकालत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाए।
ब्रिटिश सरकार ने सभी मुद्दों पर बात का प्रयास किया
विदेश मंत्री ने कहा, कुल मिलाकर, मैं कहूंगा कि यह यात्रा सही समय पर हुई और इसकी बहुत जरूरत थी क्योंकि ये व्यक्तिगत बातचीत देशों के बीच वास्तव में समझ विकसित करने में बहुत कुछ करती है। मैं बहुत संतुष्ट था, ब्रिटिश सरकार ने सभी मुद्दों पर बातचीत करने का प्रयास किया और यह अपने आप में आज हमारे संबंधों की निकटता का एक उदाहरण है।
एफटीए के लिए करेंगे हर संभव प्रयास
जयशंकर से पूछा गया कि क्या एफटीए पर आगामी 14वें दौर की वार्ता अंतिम होने की संभावना है। जवाब में उन्होंने कहा, प्रगति की है, लेकिन मुझे लगता नहीं कि भविष्यवाणी करना या समयसीमा तय करना मेरे लिए सही होगा। मुझे लगता है कि दोनों पक्ष एफटीए के महत्व से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसे हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
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