जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि जब हम सत्ता में आए तो मैंने अधिकारियों से पूछा कि इन्वेस्टमेंट समिट कब करना चाहिए। इस पर अधिकारियों ने कहा कि करीब दो साल पहले इस तरह के समिट के लिए तय करना होता है। इसके बाद मैंने उन्हें कहा कि हम इसी साल इन्वेस्टमेंट समिट करेंगे। सीएम भजन लाल ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों और तमाम अधिकारियों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने मन से इस काम गति देने का काम किया। दरअसल, मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कन्वेंशन सेंटर में 9 नीतियों के अनावरण के मौके पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने के लिए इन नई नीतियों का अनावरण किया गया है। ये नीतियां राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल निवेश आकर्षित होगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इन नीतियों में नवाचारों एवं नए प्रयोगों का समावेश किया गया है, जिससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति, समृद्धि और रोजगार सृजन सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नीतियां हमारे राज्य के लिए रोडमैप होने के साथ ही राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में आने वाले निवेश की बढ़ोतरी का महत्वपूर्ण आधार भी हैं। यह राज्य के विकास के लिए एक नया अध्याय है, जिनके माध्यम से राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करने एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद मिलेगी। उन्होंने उद्योगपतियों और निवेशकों से प्रदेश की विकास यात्रा में भागीदार बनने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारा संकल्प ‘विकसित राजस्थान’ का है, और ये नीतियां उस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
नीतियों के बारे में सीएम ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने सभी नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान एमएसएमई नीति 2024 प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी। इससे एमएसएमई को ऋण पर अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी, तकनीकी उन्नयन और गुणवत्ता प्रमाणन में सहायता मिलेगी। निर्यात को बढ़ावा देने लिए लाई गई नई नीति निर्यातकों को दस्तावेजीकरण, तकनीकी अपग्रेडेशन और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए मदद करेगी। इससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी और राजस्थान के उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहचान बना सकेंगे। वहीं, एक जिला-एक उत्पाद नीति कारीगरों की आय वृद्धि में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि क्लस्टर विकास योजना से हस्तशिल्प और एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। एवीजीसी एंड एक्सआर नीति नई तकनीक में नवाचार का आधार होगा।
नई पर्यटन इकाई नीति होगी रोजगार सृजन में सहायक :
शर्मा ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का अहम योगदान है। प्रदेश में टूरिज्म को नई दिशा देने के लिए राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2024 लाई गई है। इस नीति के माध्यम से पर्यटन से जुड़े निवेशकों व उद्यमियों को आकर्षित करते हुए निजी क्षेत्र में पर्यटन इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य है और यहां सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की असीमित संभावनाएं हैं। अब राज्य सरकार एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 लेकर आई है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, बायोमास एवं वेस्ट टु एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
नवीन खनिज नीति से बढ़ेगा सरकारी खजाना :
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान देश के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों में से एक है। यहां 82 तरह के खनिजों के भंडार हैं जिनमें से 58 का व्यावसायिक स्तर पर खनन हो रहा है। नई खनिज नीति के माध्यम से प्रदेश की जीडीपी में खनिज क्षेत्र की वर्तमान 3.4 प्रतिशत की भागीदारी को वर्ष 2029-30 तक 5 प्रतिशत और 2046-47 तक 8 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में बजरी के स्थान पर एम-सैंड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एम-सैंड नीति 2024 लागू की गई है। इससे प्रदेश में एम-सैंड के उपयोग व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और निर्माण लागत में कमी आएगी।
ये भी रहे मौजूद :
मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित हुए समारोह को उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी व डॉ.प्रेमचंद बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरा लाल नागर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, जनजातीय क्षेत्र विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, नगरीय विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, सार्वजनिक निर्माण राज्यमंत्री डॉ. मंजु बाघमार के साथ ही अधिकारी भी मौजूद थे।
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