आज समाज डिजिटल,शिमला:
संयुक्त किसान मंच ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों व बागवानों की समस्याओं को लेकर अभी भी गंभीर नहीं है। सरकार को बागवानों के पांच अगस्त को हुए प्रदर्शन की गूंज भी सुनाई नहीं दी। इसे देखते हुए अब 17 अगस्त को जेल भरो आंदोलन होगा। इसमें हर क्षेत्र के किसान व बागवान हिस्सा लेंगे। मंच इन दिनों हर हलके में बागवानों के साथ बैठक कर रहा है। इसके तहत रविवार को मंच की कोटखाई शाखा की बैठक कोटखाई में हुई। मंच की कोटखाई शाखा के सह संयोजक प्रताप चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने भी भाग लिया। इस बैठक में कोटखाई के विभिन्न क्षेत्र के बागवानों ने हिस्सा लिया और बैठक में निर्णय लिया गया कि 17 अगस्त को होने वाले जेल भरो आंदोलन में कोटखाई से कम से कम 200 बागवान हिस्सा लेंगे।
संयुक्त किसान मंच की कोटखाई शाखा का आह्वान, आंदोलन में कोटखाई से 200 से अधिक बागवान लेंगे हिस्सा
संयुक्त किसान मंच कोटखाई के सह संयोजक प्रताप चौहान ने कहा कि बैठक में बागवानों ने कहा कि 5 अगस्त के किसानों की आक्रोश रैली से भी इस बहरी सरकार को सुनाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में बागवानों द्वारा यह भी चर्चा की गई कि सरकार बागवानों की मांगों पर कोई गौर नहीं कर रही है और सरकार कमेटियां बनाकर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक बागवानों की मांगों के ऊपर कोई भी गौर नहीं किया गया है। बागवान लगातार अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो अभी तक सेब की पेटियों पर जीएसटी कम किया है और ना ही पैकेजिंग की सामग्री में कोई कटौती की है। वहीं, मंडियों में बागवानों की लूट भी जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार एपीएमसी कानून को लागू नहीं कर रही है। बागवानों का लागत मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है।
लगातार कंपनियों को छूट दे रही है सरकार : प्रताप चौहान
प्रताप चौहान ने कहा कि सरकार लगातार कंपनियों को छूट दे रही है। उसका अंदाजा आज अदानी के रेट से ही लगाया जा सकता है कि किस तरह कम्पनी ने पिछले वर्ष से भी कम दाम तय किए हैं, जो सरासर कंपनी और सरकार की सांठगांठ है। चौहान ने कहा कि किसानों ने अपनी इन मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लड़नी शुरू की है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया की यह आंदोलन जितना लम्बा चलेगा, कोटखाई का किसान-बागवान इस आंदोलन में कंधा से कंधा मिलाकर साथ देंगे। इस बैठक में प्रमुख रूप से विभिन्न संगठनों के बागवानों ने भी भाग लिया। इसमें मुख्य रूप से प्रताप चौहान, रोशन लाल राजटा, जगभूषण, विशाल शांगटा, सुनील कपरेट, मिथुन चौहान, आषुतोष चौहान आदि ने इस बैठक में भाग लिया।
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