Jai Shriram is not part of Bengali culture- Amartya Sen: जय श्रीराम बंगाली संस्कृति का हिस्सा नहीं-अमर्त्य सेन

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कोलकाता।नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा था कि जय श्रीराम का नारा बंगाली कल्चर का हिस्सा नहीं है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था। अब सेन के इस बयान पर बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सेन को आड़े हाथों लिया है। घोष ने कहा कि अमर्त्य सेन को शायद बंगाल की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है। उन्होंने आगे कहा कि क्या वह भारत और बंगाल की संस्कृति के बारे में कुछ जानते भी हैं? दिलीप घोष ने कहा कि जय श्रीराम भारत के गांव-गांव का नारा है और अब इसके नारे पूरा बंगाल में लगाए जा रहे हैं।

दरअसल, नोबेल विजेता अमर्त्य सेन ने बंगाल की जाधवपुर विश्वविद्यालय में कहा था कि जय श्रीराम का नारा हमारी बंगाली सभ्यता का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा था कि आज इस नारे का प्रयोग लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है। सेन ने राम नवमी के ऊपर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा कि आज कल बंगाल में रामनवमी काफी प्रसिद्ध हो गई है लेकिन हमने यहां इससे पहले इसका कभी नाम भी नहीं सुना था