Aaj Samaj (आज समाज),Blindness Prevention Week, पानीपत : पानीपत एल्डिको के रहने वाले 84 वर्षीय जगदीश पाहवा जी आज प्रभु चरणों में लीन हो गए, जिनकी दुकान सेक्टर 11 में पाहवा किराना स्टोर के नाम से थी। हमेशा जीते जी प्रभु नाम का सिमरन करने वाले मृत्यु उपरांत दो लोगों को नई जिंदगी दे गए। उनके सुपुत्र अनिल पाहवा संजीव पाहवा अपने पापा को तो नहीं बचा पाए, लेकिन उनकी आंखों को बचा लिया उनकी आंखें सिविल अस्पताल के डॉक्टर केतन भारद्वाज सुरेंद्र शर्मा ने जन सेवा दल के सहयोग से उन्हें रोहतक पीजीआई हॉस्पिटल भेजी गई। डॉ केतन का कहना है किसी भी आयु लिंग धर्म का व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है मृत्यु के बाद नेत्रों को 8 घंटे में निकाल सकते हैं एक व्यक्ति का नेत्रदान दो नेत्रहीनों को रोशनी प्रदान करता है।
Blindness Prevention Week : अंधता निवारण सप्ताह में जगदीश पाहवा ने दो लोगों को दी नई जिंदगी
नेत्रदान पूर्व संकल्प के बिना भी किया जा सकता है मृत्यु उपरांत अस्पताल की टीम घर पहुंच कर कॉर्निया कलेक्ट करती है कॉर्निया किसे लगाया गया उसका नाम गुप्त रखा जाता है। नेत्रदान की एवज में किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाता। जन सेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने बताया कि नेत्रदान के प्रति जनमानस में जागरूकता की कमी है, सबसे बड़ी चुनौती होती है जब किसी के मरने पर परिवार में मातम पसरा होता है वहां शोकाकुल परिवार को नेत्रदान के लिए प्रेरित करना बड़ी चुनौती होती है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग 120000 दृष्टिबाधितों को कॉर्निया की जरूरत है। हर साल कॉर्निया दृष्टिहीनता के लिए 30000 मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में नेत्रदान के प्रति समाज में जागरूकता जरूरी है कि जो व्यक्ति दुनिया छोड़ चुका है उसकी चिता जलने के बाद थोड़ी सी राख ही रह जाएगी। मृतक की आंखें दान करोगे तो दो घरों में रोशनी मिलेगी। इस सेवा के कार्य में प्रधान कृष्ण मनचंदा, चमन गुलाटी, अशोक कपूर, कमल गुलाटी, अशोक अरोड़ा, जन सेवा दल की पूरी टीम 24 घंटे सेवा में लगी रहती है।