Jammu-Kashmir Elections, (आज समाज),जम्मू: जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान कल है और इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। मतदान कर्मी जहां-जहां उनकी ड्यूटी लगाई गई है, वहां ईवीएम के साथ पहुंच रहे हैं। आतंकी हमलों के मद्देनजर समूचे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मुख्य दलों को मिल रही कड़ी चुनौती
दक्षिण कश्मीर और चिनाब वैली में पहले चरण में न केवल कांग्रेस, बीजेपी, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) व पीडीपी की प्रतिष्ठा दांव पर है, बल्कि इन जगहों से हाल ही मेें जेल बाहर आए लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात-ए-इस्लामी समर्थित आजाद उम्मीदवारों से भी उपरोक्त दलों को कड़ी चुनौती मिल रही है।
टेरर फंडिंग में जेल में बंद थे सांसद राशिद
इंजीनियर राशिद टेरर फंडिंग के सिलसिले में जेल में बंद थे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए उन्हें 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी गई है। जेल से बाहर आते ही उन्होंने कहा था, मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा और मैं शपथ लेता हूं कि मैं पीएम मोदी के नया कश्मीर नैरेटिव से लड़ूंगा। सांसद ने कहा, मोदी का नया कश्मीर नैरेटिव जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह नाकाम हो गया है।
2014 में पीडीपी ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें
बता दें कि इससे 10 साल पहले 2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे और इस दौरान दक्षिण कश्मीर व चिनाब वैली की 22 सीटों में सबसे अधिक पीडीपी ने 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी ने 4-4 नेकां ने दो व माकपा ने एक सीट जीती थी। परिसीमन के बाद डोडा और किश्तवाड़ में एक-एक सीटें बढ़ी है और इस बार 24 सीटें हो गई हैं।
दक्षिण कश्मीर में इस दफा रोचक मुकाबला
अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात से जुड़े आजादी उम्मीदवारों के कारण इस बार दक्षिण कश्मीर में मुकाबला रोचक हो गया है। ऐसे में पीडीपी को अपना प्रदर्शन दोहराने तो नेकां के सामने पिछले प्रदर्शन से अच्छा करने की चुनौती है।
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