नई दिल्ली। देश की अग्रणी मीडिया हाउस आईटीवी नेटवर्क ने महात्मा गांधी की शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए AskGandhi.in मुहिम की घोषणा की है। गुरुवार को नई दिल्ली में गांधी मंडेला पीस इनिशिएटिव द्वारा महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की याद में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में शिरकत करते हुए आईटीवी के प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने AskGandhi.in मुहिम की घोषणा की और इसपर विस्तार से प्रकाश डाला।
नेल्सन मंडेला की 100 वीं जयंती और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती को चिन्हित करने के लिए गांधी मंडेला पीस फाउंडेशन द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। अपने संबोधन में कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि यह दोनों प्रतिष्ठित नेताओं की शिक्षाओं को स्वीकार करने का सही समय है। उन्होंने कहा कि दो असाधारण नेताओं ने दुनिया को बदलाव, शांति और सामाजिक ताने-बाने का रास्ता दिखाया है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने अपनी शिक्षाओं में सह-अस्तित्व, पशु संरक्षण और पर्यावरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला है। कार्तिकेय शर्मा ने महात्मा गांधी की शिक्षाओं को विश्व स्तर पर फैलाने के लिए आईटीवी नेटवर्क की एक पहल, AskGandhi.in ल अभियान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पहल नई पीढ़ी के साथ गांधी की शिक्षाओं और ज्ञान को साझा करेगी। आईटीवी नेटवर्क और द संडे गार्जियन फाउंडेशन ने बिलीव फाउंडेशन (इंडिया) और डॉ रमन भाई पटेल फाउंडेशन (दक्षिण अफ्रीका) के साथ मिलकर इस पूरे अभियान की रूपरेखा तैयार की है। कार्तिकेय शर्मा ने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के सामाजिक समस्याओं से निपटने के तरीके की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सामाजिक समस्याओं से निपटने का तरीका प्रभावशाली और क्रांतिकारी था। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित नेताओं ने हमें अहिंसा, स्थिरता और जीवन ईको-सिस्टम सिखाया।
कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी और नेन्सन मंडेला के विचारों को अपनाने का दुनिया के पास सुनहरा अवसर है। कार्यक्रम में कार्तिकेय शर्मा के अलावा, ग्रैमी अवार्ड विनर, यूएस बिलबोर्ड नंबर 1 कलाकार और पर्यावरणविद् रिकी केजे ने भी मंडेला और गांधी की नीतियों की सराहना की।
उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्ति को प्रकृति के करीब रहना चाहिए क्योंकि प्रदूषण और इको समस्याएं स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण बन गई हैं। इवेंट में मौजूद जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की शिक्षाएं सभी युगों के लिए प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विषयों पर कई पैनल डिस्कशन किए गए।