चंडीगढ़। कोरोना वायरस से शहर को बचाने के लिए लागू कर्फ्यू के बाद से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन आईटीवी फाउंडेशन फूड बैंक की मुहिम ‘न कोरोना और न भूख से मरने देंगे’ ने जरूरतमंद लोगों की मुश्किलें आसान कर दी हैं। शुरू से ही इस मुहिम को समाज सेवी और सक्षम लोगों का समर्थन मिल रहा है। इसके तहत शहर में मजदूरी करने बाहर से आए लोगों व दिव्यांगों के अलावा अन्य लोगों को सुबह-शाम न सिर्फ भोजन मिल रहा है बल्कि शुरू से ही अन्य जरूरत के सामान भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। फाउंडेशन का मकसद था कि चंडीगढ़ में प्रवासी मजदूरों के लिए मुंबई और दिल्ली जैसी पलायन की स्थिति पैदा न हो। शिवानंद चौबे मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट आईटीवी फाउंडेशन की इस मुहिम के साथ जुड़कर शुरू से जरूरतमंदों की सेवा कर रहा है। ट्रस्ट के चेयरमैन संजय कुमार चौबे और उनकी पत्नी व ट्रस्ट की सचिव सरोज चौबे गरीबों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में रोज खाना मुहैया करवाते हैं। गुरुवार को लगातार 20वें दिन राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन चंडीगढ़ यूनिट के महासचिव व ट्रस्ट के चेयरमैन और सचिव ने जरूरतमंद लोगों को खाना वितरित किया । संजय कुमार चौबे ने सरकार और प्रशासन निदेर्शों का पालन करने और एक दूसरे की मदद करने की लोगों से अपील की।
हृदय रोग बुजुर्ग की जिंदगी की तरंग बनी उमंग वेलफेयर
पटियाला। शहर की उमंग वेलफेयर फाउंडेशन भी आईटीवी और आज समाज की मुहिम से प्रेरित होकर यहां जरूरतमंदों को राशन पहुंचा रही है। गुरुवार को फाउंडेशन ने जुझार नगर पटियाला में हृदय रोग की एक बुजुर्ग महिला मरीज को दवाइयों की जरूरत थी। कर्फ्यू के कारण इन लोगों के पास रोटी तक नहीं थी तो दवाइयों का खर्चा कहां करते। ऐसे लोग जो रोज दिहाड़ी कमाकर खाते थे। उमंग वेलफेयर महिला की जिंदगी की तरंग बनकर उनके घर पहुंची और फाउंडेशन के सदस्य अरविंदर सिंह और हरमनदीप सिंह ने उन्हेें हृदय व बीपी शुगर की अति जरूरी दवाइयां खुद उनके घर जाकर उपलब्ध करवाई। अगर उन्हें दवाइयां नहीं मिलती तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। फाउंडेशन को बिना किसी प्रॉफिट के रेट-टू- रेट विमल मेडिकोज सनौरी अड्डा के मालिक गुरमुख गुरु की तरफ से सारी दवाइयां उपलब्ध करवाई गई। महिला की निजता का ध्यान रखते हुए तस्वीर में उनका चेहरा नहीं दिखाया गया।