ITR Refund Update : वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करीब 12 लाख करदाताओं को अभी तक अपना आयकर रिफंड नहीं मिला है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 3.68 करोड़ रिफंड दावे किए गए और ये रिफंड विभिन्न कारणों से अभी भी लंबित हैं। सरकार ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में विस्तृत जानकारी साझा की।
वित्त राज्य मंत्री का बयान
- कर निर्धारण वर्ष 2024-25 (21 जनवरी, 2025 तक) के लिए 3.98 करोड़ ITR ने रिफंड का दावा किया।
- 3.94 करोड़ ITR सत्यापित किए गए और उन्हें वैध माना गया।
- 3.68 करोड़ ITR में रिफंड जारी किए गए।
- 3.56 करोड़ करदाताओं ने सफलतापूर्वक अपना रिफंड प्राप्त किया।
- विभिन्न कारणों से 12 लाख मामलों में रिफंड विफल रहा
रिफंड विफलताओं के कारण
मंत्री ने कई संभावित कारणों का उल्लेख किया कि क्यों रिफंड करदाताओं के खातों तक नहीं पहुंच पाया:
- आईटीआर में गलत बैंक खाता विवरण
- बैंक द्वारा रिफंड वापस कर दिया गया
- धारा 245(1) के तहत कर बकाया समायोजित किया गया
- पैन और आधार लिंक नहीं किया गया
- धारा 245(2) के तहत लंबित रिफंड समायोजन
- दोषपूर्ण रिटर्न के लिए नोटिस का लंबित जवाब
- कमियों वाले मामलों का लंबित सत्यापन
- अन्य तकनीकी कारण
करदाताओं को क्या करना चाहिए?
रिफंड विफलताओं से बचने के लिए, करदाताओं को ये कदम उठाने चाहिए:
- आईटीआर दाखिल करते समय सही बैंक खाता विवरण प्रदान करें
- सुनिश्चित करें कि पैन आधार से जुड़ा हुआ है
- कर विभाग के नोटिस का तुरंत जवाब दें
आयकर रिटर्न (आईटीआर) क्या है?
आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना आयकर विभाग को आय, व्यय, कटौती और कर भुगतान की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया है। व्यक्ति, व्यवसाय और अन्य संस्थाएँ यह निर्धारित करने के लिए आईटीआर दाखिल करती हैं कि उन्हें अतिरिक्त कर का भुगतान करने की आवश्यकता है या वे रिफंड के लिए पात्र हैं।
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