नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद और दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़पों को देखते हुए भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ानी शुरू की है। मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विभिन्न स्थानों पर 40 नई कंपनियों की तैनाती शुरू की है। ये सैनिक जल्द ही एलएसी के विभिन्न स्थानों पर गश्त और रक्षा का काम शुरू कर देंगे।
सूत्रों ने बताया कि सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने और अतिरिक्त गश्त के नए निर्देश के तहत भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एसयूवी, घाटी में चलने वाले वाहनों, स्नो स्कूटर और ट्रकों जैसे अन्य संसाधनों को अग्रिम स्थानों के लिए भेज रही है। उन्होंने बताया कि पर्वतों पर लड़ाई के लिए प्रशिक्षित करीब 4,000 जवानों की क्षमता वाली सभी इकाइयों को देश के विभिन्न इलाके में आंतरिक सुरक्षा की तैनाती से हटाया जा रहा है ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईटीबीपी की करीब 40 कंपनियों को हटाया गया है और लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश समेत विभिन्न क्षेत्रों में एलएसी के पास अलग-अलग स्थानों पर उन्हें एकत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बल की अग्रिम इकाइयों को इन नयी टुकड़ियों के लिए पृथक-वास केंद्र तैयार करने को कहा गया है क्योंकि वे मुख्य भू-भाग से आ रहे हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि दो सप्ताह के पृथक-वास के दौरान इन सैनिकों के पास ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार होने का अवसर होगा, जहां पर तापमान शून्य से बहुत नीचे होता है और आॅक्सीजन का स्तर कम होता है।
सूत्रों ने बताया कि बल के एक हिस्से को वहां क्वारंटीन सेंटर तैयार करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि नई यूनिट में आने वाले सैनिकों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। अपने दो सप्ताह के क्वारंटीन काल में इन सैनिकों को अत्यधिक ऊंचाई, जमा देने वाले तापमान और कम आॅक्सीदजन स्तर की परिस्थितियों को लेकर अभ्यस्त होने का मौका भी मिल जाएगा।
-राकेश सिंह