आचार्य ने पूर्व छात्रों को पढ़ाया प्राकृतिक खेती का पाठ
Kurukshetra News (आज समाज) कुरुक्षेत्र: गुरुकुल कुरुक्षेत्र से शिक्षा प्राप्त कर हजारों छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित किये हैं। कोई बड़ा उद्यमी बना तो कोई बड़ा डाक्टर है, किसी ने इंजीनियरिंग की है तो कोई वकालत के माध्यम से लोगों को न्याय दिलाने का कार्य कर रहा है। आप जिस क्षेत्र में कार्यरत है पूरी ईमानदारी से लगन से अपने कार्य को करते रहे, यही गुरुकुलीय शिक्षा का मूल है।
उक्त शब्द गुरुकुल में पूर्व छात्र मिलन सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहे। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने संतोष के स्तर को विकसित कर लिया पास उसे उन्नति के शिखर पर जाने से कोई नहीं रोक सकता। आचार्य ने कहा कि आज बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारों की दीक्षा देना बेहद आवश्यक है जो केवल गुरुकुलों के माध्यम से ही संभव है। ये गुरुकुल में मिले संस्कारों का ही प्रभाव है कि इतनी बड़ी संख्या में गुरुकुल के पूर्व छात्र देश के बड़े-बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र की उन्नति में सहयोग कर रहे हैं।
कीटनाशक और पेस्टीसाइड का प्रयोग जानलेवा
प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए आचार्यश्री ने सभी पूर्व छात्रों को देशहित में प्राकृतिक कृषि को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि खेतों में कीटनाशक और पेस्टीसाइड का प्रयोग बंद नहीं हुआ तो भावी पीढ़ी के लिए न तो उपजाऊ जमीन बचेगी और न ही पीने योग्य पानी। लोगों को कैंसर, हार्ट अटैक, बीपी, शुगर जैसी जो बीमारियों हो रही है। वह इन्हीं पेस्टीसाइड और कीटनाशकों के कारण है, इन्हें तुरन्त बंद करना चाहिए। राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व छात्रों को मोमेंटों देकर सम्मानित किया गया।
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