Vinesh Phogat: वजन बनाए रखना खिलाड़ी की जिम्मेदारी, विनेश फोगाट पर खेल कोर्ट का पूरा ऑर्डर; विनेश ने दी ये दलील

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वजन बनाए रखना खिलाड़ी की जिम्मेदारी, विनेश फोगाट पर खेल कोर्ट का पूरा ऑर्डर;
वजन बनाए रखना खिलाड़ी की जिम्मेदारी, विनेश फोगाट पर खेल कोर्ट का पूरा ऑर्डर;

United World Wrestling, नई दिल्ली: कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने विनेश फौगाट मामले में 24 पेज की आर्डर कॉपी जारी कर दी है. पारस ओलंपिक में हुए फाइनल मुकाबले में डिसक्वालीफाई किए जाने के खिलाफ विनेश की अपील पर खेल पंचाट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह खिलाड़ियों की जिम्मेदारी होती है कि उनका वजन सीमा के अंदर रहे. ऐसी किसी भी परिस्थिति में कोई अपवाद प्रदान नहीं किया जा सकता. कोई भी खिलाड़ी नियमों से ऊपर नहीं हो सकता. सभी के लिए समान नियम होते हैं. हालांकि, पंचाट ने यह माना कि दूसरे दिन वजन में असफल होना किसी भी खिलाड़ी के लिए काफी कठोर होता है.

खिलाडी की जिम्मेदारी

CAS की ने कहा कि इस बात में कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए कि फाइनल मुकाबले से पहले विनेश का वजन निर्धारित वेट कैटेगरी के लिहाज से ज्यादा था. हर एक खिलाड़ी के लिए वजन को लेकर नियम साफ है और सबके लिए समान भी है. किसी खिलाड़ी का वजन कितना ज्यादा है, इसके लिए कोई भी रियायत प्रदान नहीं की गई है. यह सुनिश्चित करना खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि उसका वजन नियम के अनुसार हो.

नहीं दी जा सकती व्यक्तिगत तौर पर छूट

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों में बताया गया है कि को टूर्नामेंट के शुरुआत के साथ- साथ पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी खेलने के योग्य होना चाहिए. खेलों में एंट्री से लेकर फाइनल तक सभी नियमों में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जा सकती. खिलाड़ी द्वारा मांग की गई कि उस दिन व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार नियमों की लिमिट को बदला जाए और 50 ग्राम वेट कैटेगरी में खेलने की अनुमति दी जाए. नियमों के अनुसार, ऐसी कोई भी छूट देने का प्रावधान नहीं है. इसमें किसी भी खिलाड़ी को व्यक्तिगत तौर पर सहूलित नहीं दी जा सकती.

विनेश ने दी ये दलील

एक दिन पहले खिलाड़ी का वजन नियम के अनुसार था. इस प्रकार दूसरे दिन फाइनल मुकाबले से पहले भी वजन माप में सफल होना चाहिए था. अगले दिन वजन 100 ग्राम अधिक होने के चलते विनेश टूर्नामेंट से बाहर हो गई और बिना किसी रैंक के आखिरी पायदान पर आ गई. इस तरह विनेश से सिल्वर मेडल का हक भी छीन लिया गया. इस पर विनेश की दलील थी कि सिल्वर मेडल के वह योग्य और पात्र बनी रही. पहले दिन उनके वजन का सफल माफ हुआ था. उसे दूसरे दिन भी लागू किया जाए.

नहीं दिया जा सकता संयुक्त मेडल

विनेश ने इस बात को स्वीकार किया कि नियमों के तौर पर वह डिसक्वालीफाई हो गई है. इस प्रकार सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली एथलीट फाइनल खेलने के लिए योग्य हो गई. विनेश का यह भी मानना था कि उसकी वजह से कोई दूसरी पहलवान अपना मेडल न खो बैठे. वह केवल संयुक्त रूप से दूसरे सिल्वर मेडल की मांग कर रही थी. ऐसा कोई भी नियम नहीं है जिसके आधार पर संयुक्त मेडल दिया जा सके. इन सब नियमों और बातों से यह मतलब निकलता है कि विनेश द्वारा मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती और उनका यह आवेदन खारिज कर दिया गया. हालांकि, दूसरे दिन फाइनल खेलने के लिए विनेश की तरफ से कोई भी गैरकानूनी या गलत काम करने का संकेत नहीं मिला है.