Budget 2024: किराए पर घर देना अब नहीं आसान, सरकार ने किया ये बदलाव!

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Budget 2024: किराए पर घर देना अब नहीं आसान, सरकार ने किया ये बदलाव!
Budget 2024: किराए पर घर देना अब नहीं आसान, सरकार ने किया ये बदलाव!

Budget 2024: मोदी सरकार के आम बजट में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं. ऐसे में एक और बदलाव उन मकान मालिकों के लिए खतरा बन गया है जो किराये के टैक्स को बचाने की कोशिश कर रहे थे. जी हाँ, अब मकान किराये पर उठाना तो आसान होगा लेकिन टैक्स बचाना आसान नहीं होगा. अगर आप भी अपना मकान किराये पर उठाते हैं और किराये पर इन्कम टैक्स बचाते हैं. तो अब ऐसा आप नहीं कर सकेंगे.

बजट में किराये पर मकान देने वालों के लिए बड़ा बदलाव

आपको बता दे की 23 जुलाई को पेश हुए आम बजट में किराये पर मकान देने वालों के लिए बड़ा बदलाव हुआ है, यहाँ मकान मालिकों की तरफ से हो रही टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए बजट में नियमों को बदल दिया गया है. यानी जो भी मकान मालिक किराया लेगा उसे टैक्स भी देना होगा. अब मकान मालिकों को अपने घर किराये से हुई कमाई को इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत दिखाना पड़ेगा. इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी का मतलब है की किसी भी व्यक्ति को अपनी होम प्रॉपर्टी से हुई इन्कम पर टैक्स देना पड़ेगा.

किराये से मिली इन्कम पर टैक्स लगेगा

साधारण भाषा में कहें तो किराये से मिली इन्कम पर टैक्स लगेगा. केंद्र बजट 2024 के मुताबिक बजट में मकान मालिकों के लिए नया लाया गया. नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा. बजट में कहा गया संशोधन 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा. और मूल्यांकन वर्ष 2025 26 और उसके बाद के मूल्यांकन वर्षों के संबंध में लागू होगा. इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत मकान, मालिकों के पास कुछ तरह की टैक्स छूट होगी. वे संपत्ति के नेट वैल्यू पर 30 फीसदी टैक्स बचा सकेंगे. ये टैक्स डिडक्शन के तहत आती है. स्टैन्डर्ड डिडक्शन का साधारण भाषा में मतलब होता है कि सरकार आपको कई तरह के ऐसे खर्चो पर छूट देती है, जो आम तौर पर रोजाना होते रहते हैं.

जानें कैसे नहीं लगेगा टैक्स

इसके लिए सरकार कोई प्रूफ नहीं मांगती. इसके अलावा मकान मालिकों के पास दूसरा बड़ा टैक्स बचाने का जो ऑप्शन होगा वो है लोन पर लगने वाला ब्याज. अगर आपने लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदी है या घर बनवा रहे हैं तो उसे चुकाने के लिए जो ब्याज देंगे उस पर टैक्स नहीं लगेगा. अब इससे क्या होगा ज़रा इससे भी समझ लेते हैं. अभी तक जो भी मकान मालिक रेंटल इन्कम को बिज़नेस या प्रोफेशनल के तौर पर दिखाते थे वो किसी तरह के खर्च दिखा कर टैक्स छूट हासिल कर लेते थे, जिससे उनकी टैक्सेबल इन्कम घट जाती थी. जैसे मेंटेनेंस कॉस्ट रिपेयर का काम, मकान झुकी एक डिप्रेशन एसेट है, उसका भी फायदा डिडक्शन क्लेम करके उठा लेते थे. जो की एक तरह से गलत तरीके से ली गई डिडक्शन है.