Aaj Samaj (आज समाज), ISRO Surya Mission, नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर निकल चुका है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें कि इसरो ने सूर्य पर रिसर्च के लिए आदित्य एल-1 भेजा है। इसरो ने ट्विटर पर बताया कि आदित्य-एल1 सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में करीब 2 बजे तय प्रक्रिया के तहत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से आगे निकल गया और फिर इसने पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचने के लिए अपनी चार माह की यात्रा शुरू कर दी। ये 110 दिन बाद जनवरी 2024 में लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 पर पहुंचेगा।
- आदित्य जनवरी 2024 में लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 पर पहुंचेगा
- सूर्य की स्टडी करने वाला यह पहला अंतरिक्ष भारतीय मिशन
2 सितंबर को की गई थी लॉन्चिंग
आदित्य-एल1 को 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे पीएसएलवी-सी 57 के एल वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के 63 मिनट 19 सेकेंड बाद स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की 235 Km x 19500 Km की कक्षा में स्थापित कर दिया था। इसके बाद 4 बार स्पेसक्राप्ट के थ्रस्टर फायर कर उसकी आर्बिट बढ़ाई गई थी।
आयनों और इलेक्ट्रानों को मापना शुरू किया
बीते सोमवार को इसरो ने ट्वीट कर कहा, आदित्य में लगे उपकरण सुप्रा थर्मल एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (स्पेस) के सेंसर ने सुपर-थर्मल और ऊजार्वान आयनों और इलेक्ट्रानों को मापना शुरू कर दिया है। इसे 10 सितंबर को पृथ्वी से 50 हजार किमी से अधिक दूरी पर सक्रिय किया गया था। बता दें कि आदित्य एल1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला अंतरिक्ष भारतीय मिशन है।
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