ISRO ने आज किया स्पाडेक्स का सफल ट्रायल, दो बार टल गया था मिशन

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ISRO ने आज स्पाडेक्स का सफल ट्रायल किया, दो बार टल गया था मिशन
ISRO ने आज स्पाडेक्स का सफल ट्रायल किया, दो बार टल गया था मिशन

ISRO SpaDex News, (आज समाज), बेंगलुरु: स्पाडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) मिशन की डॉकिग दो बार टलने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज सुबह इसका सफल ट्रायल किया। इसरो ने बताया कि सफल परीक्षण के बाद परीक्षण डेटा का विश्लेषण पूरा किया और उसके बाद वास्तविक प्रक्रिया को टाल दिया गया। हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी ने कोई समयसीमा नहीं बताई। बता दें कि इसरो शनिवार रात 12 बजे से दो अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (SpaDeX) उपग्रहों के बीच विभिन्न युद्धाभ्यास कर रहा था।

वीडियो और तस्वीरें भी जारी की गईं

इसरो अधिकारियों ने आज सुबह बताया कि 2 स्पाडेक्स उपग्रहों ‘चेज़र और टारगेट’ के बीच की दूरी आज पहले  15 मीटर रखी और उसके बाद उनके बीच की दूरी 3 मीटर तक रखी गई। यहां तक ​​कि एक-दूसरे द्वारा लिए गए अंतरिक्ष यान के वीडियो और तस्वीरें भी जारी की गईं। इसके बाद दोनों उपग्रहों को वापस सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया। डेटा का आगे विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी।

15 मीटर की दूरी पर ‘हाथ मिलाने’ को तैयार थे उपग्रह

अधिकारियों के मुताबिक लगभग 3.10 बजे उपग्रहों को रात भर की 230 मीटर की दूरी से 105 मीटर की दूरी पर लाया गया और लगभग दो घंटे बाद वे 15 मीटर की दूरी पर ‘हाथ मिलाने’ के लिए तैयार थे। यहां से अगला अपेक्षित कदम इसे 3 मीटर की दूरी पर ले जाना और अंतिम डॉकिंग कमांड शुरू करना था। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि इसरो ने अंतिम डॉकिंग का प्रयास करने से पहले एक परीक्षण के माध्यम से संरेखण और अन्य मापदंडों का परीक्षण और सत्यापन करने का अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है।

30 दिसंबर को की थी SpaDeX की लॉन्चिंग 

इसरो ने 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे SpaDeX की लॉन्चिंग की थी। इसके तहत पीएसएलवी-सी60 (PSLV-C60) रॉकेट से दो स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से 470 किमी ऊपर तैनात किए गए थे। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट ने भारतीय समयानुसार रात 10:00:15 बजे रॉकेट ने उड़ान भरी थी। इस प्रक्षेपण के बाद इसरो डॉकिंग की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए कई चरणों की आवश्यकता होती है। इनमें से  प्रत्येक की जमीन से निगरानी की जाती है और अगले पर आगे बढ़ने से पहले उसे हरी झंडी दी जाती है।

7 और 9 जनवरी को टालना पड़ा था डॉकिंग प्रयास

हालांकि, इसरो ने अपने डॉकिंग प्रयास को एक बार 7 जनवरी को और फिर 9 जनवरी को टालना पड़ा था। इसरो ने कहा, 8 जनवरी को कहा, उपग्रहों के बीच 225 मीटर तक पहुंचने के लिए एक पैंतरेबाज़ी करते समय, गैर-दृश्यता अवधि के बाद बहाव उम्मीद से अधिक पाया गया। इसके बाद 9 जनवरी के लिए नियोजित डॉकिंग स्थगित कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि उपग्रह सुरक्षित हैं।

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