आज समाज डिजिटल, चेन्नई, (ISRO SSLV-D2 Rocket): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे छोटे रॉकेट (एसएसएलवी-डी2) के दूसरे संस्कारण की आज लॉन्चिंग कर दी। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर दूसरी कोशिश में एसएसएलवी-डी2 को लॉन्च किया गया और यह तीन सैटेलाइट्स लॉन्च करने में सफल रहा। इससे पहले पिछले साल नौ अगस्त को पहली कोशिश नाकाम रही थी।
तीन सैटेलाइट्स में आजादी सैट-2 भी शामिल
इसरो के मुताबिक एसएसएलवी-डी2 ने जो तीन सैटेलाइट्स लॉन्च किए उनमें इसरो के अर्थ आॅब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस-07), अमेरिका जानूस-1और चेन्नई के स्पेस स्टार्ट अप का आजादी सैट-2 भी शामिल है। एसएसएलवी-डी2 ने पृथ्वी की लोअर आॅर्बिट में 15 मिनट तक उड़ान भरी और इसके बाद सैटेलाइट्स को 450 किमी दूर आॅर्बिट में छोड़ दिया। यह इन्हे पृथ्वी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करेगा।
तीनों सैटेलाइट टीमों को बधाई : इसरो अध्यक्ष
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने एसएसएलवी-डी2 की लॉन्चिंग के बाद कहा, अब हमारे पास एक नया लॉन्च व्हीकल है। उन्होंने बताया कि एसएसएलवी-डी2 ने दूसरी कोशिश में सैटेलाइट्स को एकदम सही तरह से आॅर्बिट में छोड़ दिया है। तीनों सैटेलाइट टीमों को बधाई।
एसएसएलवी का मकसद छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग
इसरो ने एसएसएलवी को दस से 550 किलोग्राम की पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाने की क्षमता के साथ छोटे सैटेलाइट की लांच्ािंग करने के मकसद से विकसित किया है। इसके साथ ही पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) का इस्तेमाल अब तक लॉन्चिंग में बहुत ज्यादा किया जाता है। एसएसएलवी के चलते अब यह बड़े मिशन के लिए फ्री हो सकेगा।
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