Aaj SAmaj (आज समाज), ISRO, नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 55 रॉकेट के जरिये सिंगापुर के दो सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किए। इस मिशन से टेलीओएएस-2 और ल्यूमलाइट-4 को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया। इस मिशन में ल्यूमलाइट का एक्सपेरिमेंटल प्लेटफॉर्म पोइम भी भेजा गया। पोइम अंतरिक्ष के वैक्यूम (निर्वात) में कुछ टेस्टिंग करेगा। यह पीएसएलवी की 57वीं उड़ान थी। पोइम का पूरा नाम पीएसएलवी आरबिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल है। पीएसएलवी चार स्टेज वाला रॉकेट है। इसके तीन स्टेज तो समुद्र में गिर जाते हैं।
- सफलतापूवर्क पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित
टेली कम्युनिकेशन सैटेलाइट
आखिरी यानी चौथी स्टेज जिसे पीएस4 भी कहते हैं, सैटेलाइट को अपनी कक्षा में पहुंचाने के बाद अंतरिक्ष का कचरा भर रह जाता है। अब इसी के ऊपर प्रयोग करने के लिए पोइम का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसा चौथी बार किया जा रहा है। यह एक टेली कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। सिंगापुर सरकार ने इसे वहां के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर तैयार किया है। यह दिन-रात और सभी मौसमों में कवरेज देने में सक्षम होगा। यह 741 किलो वजनी है। यह आपदा प्रबंधन से जुड़ी सूचना देगा। इसे सिंगापुर के इन्फोकॉम रिसर्च इंस्टीट्यट (12आर) और नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर के सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर (स्टार) की साझेदारी में बनाया गया है।
इसका उद्देश्य सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और ग्लोबल शिपिंग कम्युनिटी को फायदा पहुंचाना है। यह 16 किलो का है। इसरो ने 26 मार्च को ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए थे। भेजे गए सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम था। इस मिशन को एलवीएम3-एम3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया। इनकी लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से सुबह 9.00 बजे की गई थी।
इसरो ने अपना सबसे छोटा रॉकेट SSLV-डी2 लॉन्च किया था। स्मॉल सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (SSLV) की लॉन्चिंग 10 फरवरी को सुबह 9:18 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से हुई थी। SSLV–डी2 तीन सैटेलाइट्स लॉन्च करने में कामयाब हुआ था। ये SSLV- को लॉन्च करने की दूसरी कोशिश थी। इसके पहले 9 अगस्त 2022 को पहली कोशिश नाकाम रही थी।
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