- 30 दिसंबर को लॉन्च किया था पीएसएलवी-सी60
India space Achievement, (आज समाज), बेंगलुरु: भारत अंतरिक्ष डॉकिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह यह घोषणा की। उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी है। इसरो अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि बहुप्रतीक्षित स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDex) ने 15 मीटर से 3 मीटर होल्ड प्वाइंट तक सटीकता के साथ डॉकिंग प्रक्रिया पूरी कर ली और इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है। इसरो की ओर से पूरी टीम के साथ ही देश को भी बधाई दी गई है।
पूरी तरह स्वदेशी भारतीय डॉकिंग सिस्टम
इसरो अधिकारियों ने एक्स पर यह भी लिखा, स्पैडेक्स ने डॉकिंग पूरी कर अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है और यह पूरी तरह स्वदेशी ‘भारतीय डॉकिंग सिस्टम’ है। उन्होंने बताया कि डॉकिंग की शुरुआत सटीकता के साथ की गई, जिससे अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक कैप्चर किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण। भारत को बधाई!
अब चेक किए जाएंगे अनडॉकिंग और पावर ट्रांसफर
इसरो अधिकारियों ने कहा, डॉकिंग के बाद एक ही वस्तु के रूप में दो उपग्रहों का नियंत्रण सफल रहा। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अनडॉकिंग और पावर ट्रांसफर चेक किए जाएंगे। स्पैडेक्स परियोजना निदेशक एन सुरेंद्रन ने कहा कि यह प्रयोग भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान-4 मिशन जैसे भविष्य के असाइनमेंट के लिए उपयोगी साबित होगा क्योंकि डॉकिंग तंत्र आवश्यक होता जा रहा था। उन्होंने बताया, यह उन प्रयोगों में से एक है जिसे हम कक्षा में साबित करने जा रहे हैं। दो जटिल और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में यह डॉकिंग तंत्र एक अपरिहार्य जरूरत बन रहा है।
प्रशस्त होगा भविष्य के मिशनों का सुचारू संचालन : जितेंद्र
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान 4 सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निरंतर संरक्षण, उत्साह को बढ़ाता है।
यह है स्पैडेक्स मिशन का प्राथमिक उद्देश्य
गौरतलब है कि इसरो ने 30 दिसंबर को स्पैडेक्स और अभिनव पेलोड के साथ पीएसएलवी-सी60 की लॉन्चिंग कर स्पैडेक्स मिशन की शुरूआत की थी। 12 जनवरी को दो अंतरिक्ष यानों को 3 मीटर की दूरी पर लाकर, फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजने का परीक्षण किया। स्पैडेक्स मिशन का प्राथमिक उद्देश्य इसमें शामिल 2 छोटे छोटे उपग्रह, SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट), को कम-पृथ्वी वृत्ताकार कक्षा में मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक विकसित करना व उसका प्रदर्शन करना है।
दोनों उपग्रह, पीएसएलवी सी60 रॉकेट द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षिप्त किए गए थे। रॉकेट ने उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद, इन उपग्रहों को 475 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया था। स्पैडेक्स मिशन के उद्देश्यों में डॉक किए गए अंतरिक्ष यान के बीच विद्युत शक्ति के हस्तांतरण का प्रदर्शन भी शामिल है, जो भविष्य के अनुप्रयोगों जैसे कि अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, समग्र अंतरिक्ष यान नियंत्रण और अनडॉकिंग के बाद पेलोड संचालन के लिए आवश्यक है।
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