नई दिल्ली। इसरो ने आज पीएसएलवी-सी 48 रॉकेट को भारत के पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 और नौ विदेशी उपग्रहों के साथ श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया। रीसैट-2बीआर1 इसरो के द्वारा तैयार एक राडार इमेजिंग अर्थ आॅर्ब्जवेशन सैटेलाइट है। 628 किलोग्राम वजनी इस सैटेलाइट की मिशन अवधि 05 वर्ष की होगी। इसका प्रयोग मुख्य तौर पर वन, कृषि, आपदा प्रबंधन और रक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा। इमेजिंग सैटेलाइट सीमाओं की निगरानी में सेना के लिए भी मददगार साबित हो सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) का रीसैट-2बीआर1 इतना ताकतवर निगरानी कैमरा उपग्रह है कि यह बादलों के ऊपर से भी उच्च गुणवत्ता की साफ तस्वीरें ले सकता है। यह इमेजिंग उपग्रह एक्स-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है जो कि रक्षा उपयोग के लिए सबसे अनुकूल है। यह दिन और रात के साथ ही सभी मौसम में प्रभावी ढंग से काम कर सकता है। सीमाओं की निगरानी में भी इसका बेहतर उपयोग हो सकता है। मिशन के साथ नौ विदेशी सैटेलाइट भी अतंरिक्ष में भेजे जा रहे हैं। इनमें जापान, इटली और इजरायल के एक-एक सैटेलाइट हैं। जबकि छह सैटेलाइट अमेरिका के हैं। इसके इसरो की व्यावसायिक कंपनी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ करार किए गए हैं। रॉकेट सभी 10 उपग्रहों को 576 किलोमीटर ऊपर स्थित अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करेगा।