ISRO’s Mission Space : अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में इसरो

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ISRO's Mission Space : अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में इसरो
ISRO's Mission Space : अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में इसरो

आज रात होगी स्पेडएक्स मिशन की लॉन्चिंग, स्पेस में दो स्पेसक्राफ्ट जोड़ेगा इसरो

ISRO’s Mission Space (आज समाज), श्रीहरिकोटा : नए साल से पहले भारत एक बार फिर से अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में है। यदि इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) अपने इस स्पेडएक्स मिशन में कामयाब हो गया तो भारत विश्व को चौथा देश बन जाएगा। बता दें की भारत की चांद से सैंपल लाने की कामयाबी भी इसी मिशन पर टिकी हुई है। कॉस्ट इफेक्टिव टेक्नोलॉजी डेमोंसट्रेटर मिशन स्पेडएक्स को 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से रात 9.58 बजे पीएसएलवी-सी60 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट को मिलाया जाएगा। इसे डॉकिंग कहा जाता है।

ये देश कर चुके ऐसा कारनामा

भारत से पहले रूस, अमेरिका और चीन इस तरह के मिशन को सफलता पूर्वक पूरा कर चुके हैं। यदि इसरो इसमें कामयाब होता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इस मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है, जिसमें चंद्रमा की मिट्टी के सैंपल पृथ्वी पर लाए जाएंगे।

इसलिए जरूरी है यह मिशन

भारत के लिए इस मिशन की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल चंद्रयान-4 मिशन में होगा जिसमें चंद्रमा से सैंपल वापस पृथ्वी पर लाए जाएंगे। स्पेस स्टेशन बनाने और उसके बाद वहां जाने-आने के लिए भी डॉकिंग टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ेगी। सैटेलाइट सर्विसिंग, इंटरप्लेनेटरी मिशन और इंसानों को चंद्रमा पर भेजने के लिए ये टेक्नोलॉजी जरूरी है। इस डॉकिंग मैकेनिज्म को ‘भारतीय डॉकिंग सिस्टम’ नाम दिया गया है। इसरो ने इस डॉकिंग सिस्टम पर पेटेंट भी ले लिया है। भारत को अपना खुद का डॉकिंग मैकेनिज्म डेवलप करना पड़ा क्योंकि कोई भी स्पेस एजेंसी इस बेहद कॉम्प्लेक्स प्रोसेस की बारीकियों को शेयर नहीं करती है।

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