S Somnath On National Space Day, (आज समाज), बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख डाक्टर एस सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-4 2027 में लांच किया जाएगा। नेशनल स्पेस डे के मौके पर 23 अगस्त को सोमनाथ ने ये बात कही। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 का डिजाइन फाइनल हो चुका है। मिशन को सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा यान
इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा। इस स्पेसक्राफ्ट में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे। बता दें कि वर्ष 2023 में चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर तीन मॉड्यूल थे। सोमनाथ ने यह भी बताया कि इंडियन स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च किया जाएगा, जिसमें केवल रोबोट्स भेजे जाएंगे। इस स्टेशन में कुल पांच मॉड्यूल बारी-बारी से अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।
कई स्टेज में पूरा होगा मिशन
इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन कई स्टेज में पूरा होगा। उन्होंने बताया कि चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद मुख्य स्पेसक्राफ्ट से 2 मॉड्यूल अलग होकर सतह पर लैंड करेंगे। ये दोनों ही मॉड्यूल चांद की सतह से नमूने इकट्ठा करेंगे। फिर एक मॉड्यूल चांद की सतह से लॉन्च होगा और चांद की कक्षा में मुख्य स्पेसक्राफ्ट से यह जुड़ जाएगा।
नमूने इकट्ठा करने के लिए रोबोट तैयार कर रहे वैज्ञानिक
नमूनों को धरती पर वापस आने वाले स्पेसक्राफ्ट में ट्रांसफर करके भेजा जाएगा। बता दें कि इसरो के वैज्ञानिक चांद की सतह से नमूने उठाने वाला रोबोट तैयार कर रहे हैं। नमूने इकट्ठा करने के लिए कंटेनर व डॉकिंग मैकेनिज्म की तकनीक विकसित की जा रही है। गहराई तक ड्रिल करने वाली तकनीक पर भी काम चल रहा है।
विक्रम लैंडर के 1200 मिनिएचर मॉडल बनवाए
इसरो ने विक्रम लैंडर के 1200 मिनिएचर मॉडल बनवाए हैं। ये भारत आने वाले वैज्ञानिकों और स्पेशल गेस्ट को गिफ्ट के तौर पर दिए जा रहे हैं। गुजरात के वडोदरा के इंटरप्रेन्योर धवल व आदित्य डामर ने लकड़ी के ये मॉडल तैयार किए है। इसमें 140 स्पेयर पार्ट्स हैं, जिन्हें असेंबल करने में ढाई घंटे लगते हैं। आदित्य डामर ने बताया कि उन्होंने विक्रम लैंडर के साथ प्रज्ञान रोवर भी तैयार किया है।