मुंबई महानगर पालिका इसका सालाना बजेट है ५५००० करोड़ का. इतना बजेट तो नोर्थ ईस्ट के किसी राज्य का भी नहीं है. मुंबई महानगर पालिका का सालाना बजेट अधधध है लेकिन इसके बावजूद बारिश में पानी भरना आम बात है हर साल औसतन १०० इंच की बरसात यहाँ होती है लेकिन इसके बावजूद मुंबई को गर्मी में पानी की क़िल्लत से जूझना पड़ता है इसका कारण यह है की आज भी मुंबई को पानी देनेवाले तालाब मुंबई से बाहर है. अंग्रेज के जमाने के बनाए गये जलस्त्रोत पर मुंबई आज भी निर्भर है. मुंबई को पानी देनेवाली झील मुंबई से तक़रीबन ६०/७० किलोमीटर दूर है. जब झील इलाक़ों में बरसात होती है तभी मुंबई को पीने का पर्याप्त पानी मिलता है. इसलिए कई साल से सरकार इज़रायल की तर्ज़ पर मुंबई में समुद्र के नमकीन पानी को मीठा बनाने की योजना बना रही है
मुंबई में गर्मी के मौसम में खासतौर पर मई और जून के महीने में मुंबई के नागरिकों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। हर साल होने वाली इस दिक्कत को हल करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अब समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने का फैसला किया है। इस परियोजना के तहत 200 एमएलडी पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बैठक में यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अक्सर मॉनसून देरी से आता है जिसकी वजह से मई और जून के महीने में 10 से 15 फ़ीसदी की पानी कटौती करनी पड़ती है। इस दिक्कत को रोकने के लिए समुद्र के खारे पानी को मीठा करके मुंबई के नागरिकों कि इस समस्या को खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कई देशों में ऐसी परियोजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। जबकि कुछ देशों में इन पर काम शुरू है।इस प्लांट को मनोर इलाके में स्थापित किया जाएगा। मनोर इलाके में पानी की गुणवत्ता काफी अच्छी है और जरूरी मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। उन्होंने कहा की इस परियोजना को अगर सौर ऊर्जा के जरिए चलाया जाए तो लागत और भी कम हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोर में सरकारी जमीन और सड़कें उपलब्ध हैं। साथ ही इस जगह पर कोई शहरी कॉलोनी भी नहीं है। इसलिए यह परियोजना बिना किसी रूकावट के पूरी हो सकती है। इससे मुंबई वासियों की पानी की हमेशा की दिक्कत खत्म हो जाएगी।
ऐसे तो भारत में चेन्नई महानगर पालिका द्वारा समुद्र के नमकीन पानी को पीने लायक़ बनाया जाता है लेकिन अब मुंबई महानगर पालिका प्रायोगिक तौर पर इसे शुरू करेगी उम्मीद है की इससे मुंबई की प्याज़ बुझे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इज़रायल गए थे तब बेंजामिन नेतन्याहू के साथ समुद्र में एक विशिष्ट जीप में बैठे देखा गया था। यह जीप समुद्र के पानी में चलते हुए समुद्री खारे जल को मीठे पेयजल में बदलने का अचरज भरा काम करती है। इस जल को दोनों प्रधानमंत्रियों ने पिया भी था. दुनिया में इजराइल इकलौता देश है, जिसने समुद्र के खारे पानी को पीने लायक बनाने की तकनीक ईजाद की है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2050 तक जब विश्व की 40 फीसदी आबादी जल संकट भोग रही होगी, तब भी इजराइल में पीने के पानी का संकट नहीं होगा।
इज़रायल की यह टेकनिक अब मुंबई में इस्तेमाल होने वाली है आशा है की मुंबई की प्यास इससे बुझे